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योगी की पुलिस महिलाओं पर लात, थप्पड़ और बेल्ट बरसाती है

आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज

पडरौना, कुशीनगर : एक तरफ जहां सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की बातें करते हुए तमाम तरह की योजनाएं और मिशन शक्ति अभियान चलाकर महिलाओं को सुरक्षित और सशक्त बनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ योगी की पुलिस महिलाओं पर लात, घूंसे और बेल्ट बरसाने में जुटी हुई है। ताजा मामला कुशीनगर जिले के पडरौना कोतवाली का है, जहां पुलिस का एक निर्दयी चेहरा सामने आया है, पडरौना कोतवाली अन्तर्गत छावनी निवासी एक महिला ने सुभाष चौक चौकी इंचार्ज पर थप्पड़ और बेल्ट से बुरी तरह पीटने का आरोप लगाया है। महिला ने पुलिस अधीक्षक कुशीनगर को एक शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पडरौना कोतवाली थानाक्षेत्र के छावनी मुगलपुरा निवासी 40 वर्षीय महिला ने पुलिस अधीक्षक कुशीनगर सचिन्द्र पटेल को शिकायती पत्र देकर सुभाष चौक पुलिस चौकी इंचार्ज आलोक यादव पर बेल्ट तथा थप्पड़ से बुरी तरह पीटने तथा फर्जी मुकदमे में फँसाने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र सौंपकर न्याय की मांग की है।

मिली जानकारी के अनुसार उक्त महिला ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि महिला के 17 वर्षीय नाबालिग पुत्र सुभान उर्फ मोनू जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है को उसके पड़ोस में ही रहने वाली एक 26 वर्षीय युवती बीते 12 दिन पूर्व कहीं लेकर चली गयी है, काफी खोजबीन करने के बाद भी उनका पता नहीं चला, पीड़िता के मुताबिक इस सम्बन्ध में युवती के परिजन भी गाली गुप्ता देने तथा मारपीट करने पर उतारू हैं। पीड़िता ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि खोजबीन के बाद भी जब मेरे बेटे का कहीं पता नहीं चला तो उसके गायब होने तथा युवती के परिजनों द्वारा मारपीट करने से सम्बन्धित तहरीर लेकर सोमवार की शाम लगभग 5 बजे थाने पर गयी, जहां सुभाष चौक चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक आलोक यादव दो महिला सिपाहियों सहित भद्दी भद्दी गालियां देते हुए मुझे बेल्ट, थप्पड़ तथा लात से मारने लगे तथा फर्जी मुकदमे में फंसाने तथा जान से मारने की भी धमकी देने लगे।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस मामले के सम्बन्ध में एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें चौकी प्रभारी आलोक यादव से एक पत्रकार द्वारा उक्त मामले के सम्बन्ध में पूछे जाने पर चौकी प्रभारी आलोक, पत्रकार पर ही लड़की भगाने का आरोप लगा रहे हैं।

अब यहां देखने वाली बात यह है कि जहां एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए तरह तरह के अभियान चलाकर सुरक्षा का एहसास दिला रही है, वहीं दूसरी तरफ एक पुलिसकर्मी द्वारा पुलिसिया रूआब दिखाते हुए अबला पर लात, थप्पड़ और बेल्ट की बरसात करने की बात सामने आ रही है।

खैर अब देखना यह है कि पीड़िता द्वारा पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपने के बाद पुलिस अधीक्षक जांच करने के बाद इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं।

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