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Licypriya Kangujam कोरोना मरीजो को दे रही संजीवनी

मानवता के रक्षक – पार्ट-1

आज अपनी खास सीरीज मानवता के रक्षक में हम उन लोगो की बात करेंगे। जो इस कोरोना महामारी में खुद की परवाह न करते हुए दुसरो की मदद कर रहे है।

भारत के राज्य मणिपुर की रहने वाली 9 वर्षीय बच्ची लिसिप्रिया कंगुजम ने एक बार फिर से सबको अचंभित कर दिया है. पर्यावरण के मुद्दों पर मुखर हो कर बोलने वाली लिसिप्रिया ने इस बार उन लोगों के लिए संजीवनी खरीदी है जो कोरोना काल में एक एक सांस के लिए लड़ रहे हैं.

लिसिप्रिया ने अपनी बचत व क्राउड फण्ड राइजिंग की मदद से 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे हैं. इसके अलावा लिसिप्रिया ने लोगों से भी अपील की है कि वे भी कोरोना संक्रमितों के लिए उन्हें ये मशीन दान करें जिससे उन हजारों लोगों की जान बच सके जो ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रहे हैं. 29 अप्रैल को ये जानकारी देते हुए लिसिप्रिया ने ट्विटर पर ट्वीट किया. लिसिप्रिया ने लिखा कि 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का ऑर्डर दिया है जिसमें से 10 5एल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर अगले कुछ दिनों में भारत पहुंच जाएंगे. शिपिंग के दाम जोड़ कर इन 10 मशीनों की प्रति पीस 50,000 कीमत है. लिसीप्रिया ने आगे लिखा कि वह अपनी बचत राशि के द्वारा देश की मदद करने की हर संभव कोशिश कर रही हैं.

उन्होंने लोगों की उम्मीद और हिम्मत को मजबूत करने के लिए लिखा कि आइए हम बेहतरी की आशा करें. लिसी कोरोना संक्रमित लोगों की मदद के लिए पिछले साल मिले पुरस्कारों से और पैसे जमा करने की कोशिश कर रही हैं. इस बाल पर्यावरणविद ने देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण मर रहे मरीजों की मदद के लिए लोगों से अपील करते हुए कहा कि 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर काफी नहीं हैं. कृपया आप लोग भी मेरा सहयोग करें जिससे मैं और कंसंट्रेटर खरीद सकूं.

यह 9 साल की बच्ची कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों के लिए ना केवल खुद आगे आई बल्कि इसने अन्य देशों से मदद की अपील भी की. लिसिप्रिया ने मंगलवार 27 अप्रैल को ताइवान सरकार से यह अपील की कि वे कोरोना वायरस से लड़ने में भारत की मदद करें. इस संबंध में लिसिप्रिया ने एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया जिसमें उसकी ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू से बात हुई थी. इस बातचीत में वू ने कहा कि ईश्वर भारत और यहां के लोगों की रक्षा करें. हम भारत की मदद के लिए बहुत मेहनत कर रहे हैं. इस बात पर लिसिप्रिया ने विदेश मंत्री का धन्यवाद करते हुए उनका ध्यान इस बात की ओर खींचा कि भारत को भारी मात्रा में ऑक्सीजन की आवश्यकता है.

लिसिप्रिया ने बहुत ही हताश लहजे में लिखा कि मैं आपसे भीख मांगती हूं. हम मर रहे हैं. इस पर वू ने जवाब दिया कि उनका मंत्रालय प्रमुख निर्णय निर्माताओं के साथ चर्चा कर रहा है. इसके साथ ही वू ने कहा कि हमारी प्रगति और सफलता के लिए प्रार्थना करें.बता दें कि 29 अप्रैल यानी गुरुवार को ताइवान ने घोषणा की थी कि देश इस सप्ताह के अंत तक भारत को 150 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजेगा. वू ने यह भरोसा दिलाया है कि आने वाले हफ्तों तक ताइवान भारत को राहत भेजता रहेगा.

आइए जानते है कौन हैं लिसिप्रिया कंगुजम

लिसिप्रिया कंगुजम मणिपुर की रहने वाली है वह महज 8 साल की हैं. भारत में क्लाइमेट चेंज लॉ की मांग कर रही हैं. उनके ट्विटर बायो में लिखा है कि उन्हें वर्ल्ड चिल्ड्रन पीस प्राइज 2019 मिला हुआ है. इसके अलावा डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड, इंडिया पीस प्राइज भी उनके नाम हैं.

उनका ट्विटर हैंडल उनके माता-पिता मैनेज करते हैं. उनका ट्विटर ऐक्टिविज़्म की तस्वीरों से भरा हुआ है. लिसिप्रिया कहती हैं कि कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों पर रोक लगनी चाहिए. क्लाइमेट चेंज स्कूल के सिलेबस में अनिवार्य होना चाहिए. उन्होंने मांग रखी थी कि फाइनल परीक्षा पास करने के लिए 10 पौधे लगाना अनिवार्य कर देना चाहिए. लिसिप्रीया बताती हैं कि उन्होंने 4 जुलाई, 2018 को मंगोलिया में UN इवेंट को संबोधित किया था. उनका कहना है कि 21 जुलाई, 2019 को जब उन्होंने भारत में संसद के सामने प्रोटेस्ट किया तब मीडिया ने उन पर ध्यान दिया.

अगर आप किसी ऐसे संस्था या व्यक्ति के बारे में जानते है जो इस कोरोना महामारी में खुद की परवाह न करते हुए लोगो की मदद कर रहे है तो आप हमे जरूर बताएं क्योकि ऐसे लोग हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है इसीलिए  हम अपनी खास सीरीज मानवता के रक्षक में उनकी कहानी दिखाएंगे आप ऐसे लोगो की सूचना हमारे व्हाट्सएप्प 8931878951,9451200450 पर दे सकते है।

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