कुशीनगर : शादि-समारोहों में हमें अक्सर छोटे बच्चे अपने सिर पर रोडलाइट उठाये दिख जायेंगे यह 10-18 साल के छोटे बच्चे जब 180- 240 वोल्ट का रोडलाइट अपने सिर पर उठाते है तो हमेसा करंट के संपर्क में आने का खतरा बना रहता है लेकिन दुर्भाग्य की बात है सभी मूकदर्शक बने रहे जिले में किसी ने भी इसे रोकने का प्रयास नहीं किया नाही जिला प्रशासन को अवगत कराया।
बचपन बचाओं आंदोलन के प्रदेश समन्वयक सूर्य प्रताप मिश्रा के पास बच्चो से रात को 8:15 PM पर लाइट उठवाने की सूचना मिली थी इसे गंभीरता से लेते हुए दिनांक 3 जून 2021 को जिलाधिकारी कुशीनगर और उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग को एक शिकायतिपत्र भेजा था जिसमे कुशीनगर जनपद के एक इलेक्ट्रिक द्वारा 6 नाबालिग बच्चो को रोडलाइट के कार्य मे लगाया गया था जो बाल एवं कुमार श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियम ) अधिनिय। 1986 के धारा 14 के तहत दंडनीय अपराध है।
इसे गंभीरतापूर्वक लेते हुए उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता जी ने 16 जून 2021 को उप श्रमायुक्त कुशीनगर को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि आयोग को 6 बच्चो को कोरोनकाल में रोडलाइट का कार्य मे लगाये जाने की सूचना मिली है जो की बालक और कुमार श्रम अधिनियम 1986 का उलंघन है l
आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने उप श्रमायुक्त को निर्देश दिया है कि जांच कर बालश्रम कराने वाले के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर बालश्रम में संलिप्त बच्चो को पुनर्वासित करते हुए सरकार के विभिन्न योजनाओं से जोड़कर एक सप्ताह में अवगत करायें।
इस विषय मे सूर्य प्रताप मिश्र( स्टेट कोऑर्डिनेटर बचपन बचाओ आन्दोलन) ने बताया कि है छोटे बच्चो का इस तरह से शोषण एक सभ्य समाज पे कलंक है l राष्ट्रीय बाल नीति 2013 के तहत बच्चे देश की धरोहर है उनको स्कूल और खेल के मैदानों में होना चाहिए नाकी बाल श्रम के कुचक्र में फसाना चाहिए । इसे तत्काल रोकने की आवश्यकता है और आम नागरिकों से आनुरोध किया कि अगर कहीं भी बाल श्रम देखे तो 1098 , www.pencil.gov.in पर सिकायात दर्ज करवाए।