2014 नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की संस्था बचपन बचाओ आंदोलन ,उत्तर प्रदेश बाल आयोग के निर्देश पर प्रयागराज जीआरपी ने बिहार के कटिहार से ट्रेन से तस्करी कर बालश्रम के प्रयोजन हेतु ले जाये जा रहे 33 बच्चो को प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर कराया गया मुक्त
प्रयागराज : कोरोनकाल के बाद बच्चो की तस्करी की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है जो चिंता का विषय है 2014 नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की संस्था बचपन बचाओ आंदोलन ,उत्तर प्रदेश बाल आयोग के निर्देश पर प्रयागराज जीआरपी ने तस्करी हेतु ट्रेन से ले जाये जा रहे 33 बच्चो को मुक्त कराया है।
आपको बता दे सूर्य प्रताप मिश्रा (स्टेट कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश, बचपन बचाओ आंदोलन ) को खबर मिली कि बिहार के कटिहार जिला से ट्रेन से बच्चो को तस्करी कर दिल्ली ले जाया जा रहा है जिसको गम्भीरतापूर्वक लेते हुए सूर्यप्रताप ने तत्काल उत्तर प्रदेश बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ० विशेष गुप्ता व जीआरपी प्रयागराज डीएसपी को पत्र लिखकर तत्काल कार्यवाही की मांग की थी इसके साथ ही अवगत कराया था कि किशोर न्याय ( बालको की देख-रेख व संरक्षण) अधिनियम ,2015 की धारा 2(14) के तहत बाल श्रम, बाल तस्करी में संलिप्त बच्चे देख रेख व संरक्षण की श्रेणी में आते है और उनको रेस्क्यू कर यात्रा का समय छोड़ कर 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति को प्रस्तुत करने का सुझाव दिया ,डीएसपी जीआरपी के निर्देशन में जीआरपी प्रयागराज , रेलवे चाइल्ड लाइन ने सीघ्र कार्यवाही करते हुए 33 बच्चो को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति को प्रस्तुत किया।
और एक बार फिर सूर्य प्रताप मिश्रा स्टेट कोऑर्डिनेटर बचपन बचाओ आन्दोलन ,बाल आयोग उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश को बाल मित्र प्रदेश बनाने का उत्तम उदाहरण पेश किया।
सूर्य प्रताप मिश्रा ( स्टेट कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश- बचपन बचाओ आंदोलन) ने उत्तर प्रदेश अवगत कराया की “ राष्ट्रीय बाल नीति 2013 के अनुसार बचे राष्ट्र की धरोहर होते है” और जनता से आग्रह किया कि जिस होटलों, ढाबो, दुकानों और अन्य वस्तुओं का उत्पादन बाल श्रम करा कर किया जाता है कृपया उन वस्तुओं का उपयोग करना बंद करदे ताकि बच्चो को बाल श्रम के चंगुल से निकाल कर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाया जाए और सम्मिलित प्रयासों से बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्वल बनाया जाए।