2014 नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी की संस्था बचपन बचाओ आंदोलन,उत्तर प्रदेश बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ,जीआरपी, पुलिस,चाइल्ड लाइन की संयुक्त कार्यवाही से बालश्रम के प्रयोजन से दिल्ली ले जाये जा रहे 38 बच्चो को मुक्त कराया गया है।
मुरादाबाद : कोरोनकाल के बाद बच्चो की तस्करी के मामले रुकने का नाम नही ले रहे है लगातार ट्रेनों व बसों से बच्चो की तस्करी की घटनाओं वृद्धि हो रही है पिछले एक सफ्ताह के दौरान बीबीए की सूचना पर उत्तर प्रदेश में 109 बच्चो को तस्करी से मुक्त कराया गया है।
आपको बता दे सूर्य प्रताप मिश्रा (स्टेट कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश, बचपन बचाओ आंदोलन ) को बिहार की टीम से खबर मिली कि बिहार के कटिहार जिला से ट्रेन नंबर 02407 से 63 से ज्यादा बच्चो को तस्करी कर दिल्ली ले जाया जा रहा है जिसको गम्भीरतापूर्वक लेते हुए सूर्यप्रताप मिश्रा ने तत्काल उत्तर प्रदेश बाल अधिकार सरंक्षण आयोग व अर्पणा गुप्ता एसपी जीआरपी मुरादाबाद ,एडीजी जीआरपी,जिलाधिकारी, को पत्र लिखकर त्वरित कार्यवाही की मांग की थी इसके साथ ही अवगत कराया था कि किशोर न्याय ( बालको की देख-रेख व संरक्षण) अधिनियम ,2015 की धारा 2(14) के तहत बाल श्रम, बाल तस्करी में संलिप्त बच्चे देख रेख व संरक्षण की श्रेणी में आते है और उनको रेस्क्यू कर यात्रा का समय छोड़ कर 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति को प्रस्तुत करने का सुझाव दिया , अर्पणा गुप्ता एसपी मुरादाबाद के निर्देशन में जीआरपी मुरादाबाद ,पुलिस, चाइल्ड लाइन ने सीघ्र कार्यवाही करते हुए ट्रैन नंबर 02407 के विभिन्न कोचों से कुल 38 बच्चो को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति को प्रस्तुत किया।साथ ही कुछ तस्करो को गिरफ्तार कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
एक बार फिर सूर्य प्रताप मिश्रा स्टेट कोऑर्डिनेटर बचपन बचाओ आन्दोलन ,बाल अधिकार सरंक्षण आयोग उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश को बाल मित्र प्रदेश बनाने का उत्तम उदाहरण पेश किया।
सूर्य प्रताप मिश्रा ( स्टेट कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश- बचपन बचाओ आंदोलन) ने उत्तर प्रदेश अवगत कराया की “ राष्ट्रीय बाल नीति 2013 के अनुसार बचे राष्ट्र की धरोहर होते है” और जनता से आग्रह किया कि जिस होटलों, ढाबो, दुकानों और अन्य वस्तुओं का उत्पादन बाल श्रम करा कर किया जाता है कृपया उन वस्तुओं का उपयोग करना बंद करदे ताकि बच्चो को बाल श्रम के चंगुल से निकाल कर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाया जाए और सम्मिलित प्रयासों से बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्वल बनाया जाए।