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अनाथ आश्रम तथा मदरसे के नाम पर मची है खुलेआम लूट, जांच के बाद बाल आयोग की सदस्या ने दिए कार्यवाही के निर्देश

आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज

पडरौना, कुशीनगर : जिले में अनाथ आश्रम तथा मदरसे के नाम पर खुलेआम लूट मची हुई है, कागजों में मदरसों का संचालन कर तथा अयोग्य शिक्षकों की भर्ती करके खुलेआम सरकार का पैसा लुटा जा रहा है, इस काम में जिले में संचालित होने वाला अनाथ आश्रम भी पीछे नहीं है, अनाथ आश्रम के नाम पर चलने वाले इस खेल में जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों से मिलने वाले चंदे से लेकर धर्मांतरण तक का खेल शामिल है।

यह सब खेल उजागर हुआ वृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश बाल आयोग की टीम द्वारा जिले के पडरौना नगर में एक मदरसे तथा अनाथ आश्रम में किये गए छापेमारी में, यह काले कारनामे उजागर होने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की टीम को भी दांतों तले उंगली दबानी पड़ी।

मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की सदस्या डॉ शुचिता चतुर्वेदी वृहस्पतिवार को जिले के पडरौना नगर में निरीक्षण के लिए आयी हुईं थी, इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल सहित विभिन्न विभागों का निरीक्षण करने के बाद नगर के जमालपुर स्थित मदरसे में छापेमारी की और उसके बाद वहां से जो सच्चाई निकलकर सामने आयी वह आश्चर्य कर देने वाली थी, वहां कार्यरत अध्यापकों के साथ ही प्रधानाचार्य तक प्राइमरी के सवाल का भी जवाब नहीं दे पाए, यह देखकर डॉ चतुर्वेदी ने मदरसे के आवश्यक कागजात को लेकर मदरसे पर कार्यवाही के लिए सम्बन्धित विभाग को निर्देश भी दिया।

इसके बाद यूपी बाल आयोग की सदस्या डॉ शुचिता चतुर्वेदी अपनी टीम सामाजिक कार्यकर्ता संगीता शर्मा, बीबीए के प्रदेश कोऑर्डिनेटर सूर्यप्रताप मिश्र तथा स्थानीय स्तर पर सामाजिक कार्य करने वाली संस्था वर्ल्ड यूथ सोशल ऑर्गनाइजेशन को साथ लेकर नगर से सटे परसौनी कला में संचालित होने वाले अनाथ आश्रम में पँहुचीं, जहां जांच के दौरान यह पता चला कि यह अनाथ आश्रम बिना किसी रजिस्ट्रेशन के फर्जी तरीके से चलाया जा रहा है तथा इस अनाथ आश्रम की आड़ में वहां रहने वाले बच्चों को ईसाई धर्म के प्रति प्रेरित भी किया जाता है, अनाथ आश्रम की जांच के दौरान वहां चारों तरफ गंदगी पसरी मिली, जिसको देखकर श्रीमती चतुर्वेदी ने आश्रम की संचालिका को कड़ी फटकार लगायी।

बाल आयोग की सदस्या द्वारा अनाथ आश्रम के संचालिका वशुमता शिरीन से पूछने पर बताया गया कि इस अनाथ आश्रम में वर्तमान समय में कुल 24 बच्चे हैं, जब संचालिका से अनाथ आश्रम के कागजात मांगे गए तो पता चला कि यह अनाथ आश्रम बिना किसी रजिस्ट्रेशन के फर्जी तरीके से सिर्फ पैसे ऐंठने तथा धर्मांतरण को बढ़ावा देने के लिए चलाया जाता है। अनाथ आश्रम की जांच के दौरान यह भी देखने को मिला की अलग अलग धर्मों से आये बच्चों का नाम बदलकर अनाथ आश्रम की संचालिका ने ईसाई धर्म के अनुसार रख दिया है, इससे यह साफ पता चलता है कि इस अनाथ आश्रम के नामपर यहां धर्मांतरण का धंधा भी फलफूल रहा है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक अनाथ आश्रम के नामपर हो रहे फर्जीवाड़े से बाल आयोग की सदस्या श्रीमती चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी कुशीनगर एस राजलिंगम को अवगत कराया तथा शीघ्रता से यहां रह रहे बच्चों का रेस्क्यू कराकर इस अनाथ आश्रम पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया। मामले की जानकारी होने के बाद डीएम ने एसडीएम पडरौना तथा कोतवाली प्रभारी पडरौना को अनाथ आश्रम पर पँहुचकर वहां की जानकारी इकट्ठा करने हेतु निर्देशित किया, निर्देश पाकर पँहुचे एसडीएम कोमल यादव तथा कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार सिंह को बाल आयोग की सदस्या श्रीमती चतुर्वेदी ने अनाथ आश्रम से सम्बंधित जानकारी साझा करने के बाद उक्त फर्जी अनाथ आश्रम में रह रहे बच्चों का रेस्क्यू करने के बाद उन्हें किसी दूसरे अनाथ आश्रम में शिफ्ट करने और उस पर कार्यवाही करने हेतु भी निर्देश दिया।

इस दौरान मुख्य रूप से वर्ल्ड यूथ सोशल ऑर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशिकांत मिश्रा, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आदित्य दीक्षित, कानूनी सलाहकार विवेक पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार दीपक मिश्रा, मयफोर्स महिला थानाध्यक्ष त्रिलोत्मा त्रिपाठी, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष दीपाली सिन्हा, अंजली पाण्डेय सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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