द चेतक न्यूज
गोरखपुर : अब किसी के जिगर का टुकड़ा उससे दूर नहीं होगा और न ही बुढ़ापे की दहलीज पर पहुंचा कोई लावारिस हाल में भटकने के लिए मजबूर होगा क्योंकि गोरखपुर के रहने वाले एक युवा ने एक ऐसे एप का ईजाद किया है जिसकी मदद से अब भूले बिछड़े लोगों को आसानी से ढूंढा जा सकता है। इस एप की मदद से भूले बिछड़े लोगों की मदद के लिए और उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने में मदद दी जाएगी।
बताते चलें कि देश के किसी भी शहर में भटके- बिछड़े लोगों को मिलाने के लिए ‘हैलो दादा’ ऐप तैयार किया जा रहा है यह ऐप सोशल जिम्मेदारी यानी कि आम जनता की सहभागिता से चलाया जाएगा, जिसमें हर कोई हर किसी की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाएगा, इस मुहिम को शुरू किया है स्माइल रोटी बैंक संस्था ने, जिसके सदस्य पहले से ही कई लावारिस या भूले-बिछड़े लोगों को उनके परिवार से मिलवा चुके है।
इस एप से कैसे होगी मदद…
इस ऐप के जरिए भूले बिछड़े लोगों को उनके घर तक पहुंचाने में काफी सहायता मिलेगी, इसके लिए लोगों को लावारिस हाल में घूम रहे बच्चे, बूढ़े या किसी भूले-भटके की तस्वीर अपने मोबाइल से खींचकर हैलो दादा ऐप पर अपलोड करनी होगी तथा इसके साथ ही वहां दिए हुए मैसेज बॉक्स में खोए हुए शख्स का पूरा विवरण भी देना होगा कि वह कहां और किस हाल में पाया गया है तथा अगर वह अपना परिचय बता पा रहा है तो उसे भी मेंशन करना होगा। इस ऐप पर उस खोए हुए व्यक्ति की डिटेल डालते ही स्माइल रोटी बैंक के मेंबर उसकी काउंसलिंग कर उसे घर तक पहुंचाने में मदद करेंगे, इसके अलावा जिनके परिवार के लोग भटके होंगे, वह खुद भी इस एप के जरिए उन्हें ढूंढ सकेंगे।
स्माइल रोटी बैंक शुरू करने वाले आजाद पाण्डेय ने इस Hello Dada ऐप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गोरखपुर में इस तरह का अभियान बीते कुछ सालों से जारी है, अभी तक हम लोगों से फोन या संपर्क के जरिए जुड़े हैं। जिसमें लोग किसी भी व्यक्ति या बच्चे को इस स्थिति में देखकर हमें जानकारी देते हैं, लेकिन उनके बारे में सही जानकारी जुटा पाना मुश्किल होता है, साथ ही कोई रिकॉर्ड नहीं मेंटेन हो पाता है। उन्होंने बताया कि शहर में ऐसे भी कई लोग मिले जो बदहाल स्थिति में पाए गए जबकि वह अच्छे और संभ्रांत परिवारों से आते थे, उनके बिगड़े हुलिए को संवार कर उन्हें घर पहुंचाया गया है, इस शहर में नेपाल, बिहार व दूसरे शहरों से भी लोग भटके हुए यहां आते हैं.
ऐप से खोजना होगा आसान
उन्होंने कहा कि हैलो दादा ऐप बन जाने से भटके लोगों को खोजना और आसान हो जाएगा साथ ही फोटो, परिचय आदि की रिकॉर्ड लाइब्रेरी भी तैयार होगी, वहीं वेबसाइट संचालक व ऐप बना रहे राहुल तथा विशाल मिश्रा ने कहा कि http://www.hellodada.co.in/ बेबसाइट को हमने तैयार कर लिया है। जिसको आवश्यकतानुसार निरन्तर अपडेट किया जाता रहेगा, इस वेबसाइट के जरिए स्माइल रोटी बैंक ने, हैलो दादा कैंपेन की एक अच्छी शुरुआत की है, जो गुमसुदा लोगों को खोजने के लिए सम्पूर्ण भारत के लिए यह बहुत ही अनोखा व पहला प्लेटफार्म है। Hello Dada App बनाने वाली टीम में सत्यप्रकाश पाण्डेय, दीपक मिश्रा, अमर पाण्डेय, नरेन्द्र राय मुख्य भूमिका में हैं जबकि दिल्ली एनसीआर में विशाल तिवारी और संकर्षण त्रिपाठी मिशन लीड करेंगे।