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अवैध वसूली बना मनीष गुप्ता हत्याकांड का कारण

शशिकांत मिश्रा
द चेतक न्यूज

गोरखपुर : कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड में एसआईटी की जांच में अहम खुलासा हुआ है। एसआईटी कि अब तक की जांच में यह बात सामने आ रही है की अवैध वसूली के खेल में ही मनीष गुप्ता की हत्या की गई है। इस हत्याकांड में कृष्णा होटल प्रशासन की भूमिका पर शुरू से ही सवाल खड़े हो रहे थे। मनीष गुप्ता की पत्नी ने भी आरोप लगाया था की होटल प्रशासन ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है। इसीलिए इस हत्याकांड में होटल प्रशासन और पुलिस दोनों की मिलीभगत रही है। सूत्रों की माने तो होटल के किसी कर्मचारी ने ही उस रात पुलिस को मनीष व उनके दोस्तों के ठहरने की सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस कर्मी चेकिंग के नाम पर उनके कमरा नंबर 512 में पहुंचे थे। चेकिंग के दौरान मनीष गुप्ता व उनके दोस्तों द्वारा इसका विरोध किया गया मनीष गुप्ता ने कहा था कि हम कोई आतंकवादी नहीं है जो इस तरीके से हमारी चेकिंग कर रहे हैं। जिस पर पुलिसकर्मी भड़क गए और मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दिए।

एसआईटी टीम को मिले अहम साक्ष्य

सूत्रों की माने तो इसके संबंध में एसआईटी ने पुख्ता साक्ष्य जुटाए हैं। अब एसआईटी होटल प्रशासन को भी आरोपी बनाने की तैयारी में है। आपको बता दें विगत 27 सितंबर की रात गोरखपुर के कृष्णा पैलेस होटल में छह पुलिसकर्मियों ने मनीष के कमरे पर धावा बोला था। और चेकिंग के नाम पर पहले अभद्रता की थी और फिर मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दिया था। तब से कई सवाल उठ रहे थे कि आखिर मनीष के कमरे की चेकिंग करने पुलिसकर्मी क्यों पहुंचे थे? मनीष को ही क्यों निशाना बनाया गया?

रामगढ़ताल पुलिस लंबे समय से करती थी अवैध वसूली : एसआईटी सूत्र

एसआईटी के सूत्रों के अनुसार रामगढ़ताल पुलिस का ये अवैध वसूली का खेल बहुत लंबे समय से चल रहा था इस तरह की वसूली में होटल प्रशासन की भी मिलीभगत रहती है। जब भी होटल में कोई बाहरी या कपल या दूर शहर से आता था तो होटल प्रशासन पुलिस को सूचना देते थे। तब पुलिस अपने कुछ चंद साथियों के साथ वहां दबिश देकर चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली करती थी। सूत्रों ने बताया कि होटल प्रशासन का आरोपी बनना लगभग तय है। पुलिसकर्मियों को होटल के किस कर्मचारी ने सूचना दी थी एसआईटी इस तरफ गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही रिपोर्ट शासन को सौपेगी।

होटल में रुक रहे हैं तो अपनी निजता व सुरक्षा का खुद रखे ख्याल

मनीष गुप्ता हत्याकांड से जुड़े सवालों का जवाब अब धीरे-धीरे मिलने लगा है चौंकाने वाली बात यह है। जो होटल और पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आ रही है, इससे कई सवाल भी खड़े होते हैं क्या होटल हमारे लिए सुरक्षित हैं.? लोगो के निजता के अधिकारों का हनन कितनी आसानी से होटल और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से हो रहा है। यह बात सही है गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर होने के नाते सुरक्षा की दृष्टि से होटलों व संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग होती हैं और यह जरूरी भी है। लेकिन इसके नाम पर लोगों का शोषण किस हद तक हो रहा है यह मनीष गुप्ता हत्याकांड से उजागर हो गया है। आप सोच सकते हैं की होटलों में अगर कोई नवयुवक-युवती या कपल का जोड़ा रुका हो और वहाँ होटल की मिलीभगत से पुलिस कर्मी जांच करने पहुंचते होंगे तो उनका किस हद तक शोषण होता होगा यह सोचकर ही रूह कांप जाती है। अगर उत्तर प्रदेश सरकार इसमें सुधार नहीं करती है तो भविष्य में इस तरह की अन्य भी घटनाएं सामने आएंगी।

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