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राजस्थान : पहले 4 साल की बच्ची के साथ किया रेप फिर तालाब में डुबोकर किया हत्या, जज बोले जानवर भी ऐसा नही करते सुनाई मौत की सजा

आरोपी ने महज 4 साल की बच्ची के साथ जो बर्बरतापूर्वक कृत्य किया है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. इस उम्र के छोटे बच्चों को कांटा चुभने पर ही असहनीय पीड़ा का एहसास होता है ऐसे में वो बालिका ने किस सीमा तक तड़प झेली होगी अभियुक्त ने जो कृत्य किया है, वो पशु भी नहीं करते हैं. ऐसे में फांसी की सजा ही दी जानी चाहिए, जिससे समाज में कड़ा संदेश जाए. अभियुक्त को गर्दन में फाँसी लगाकर तबतक लटकाया जाए जबतक उसकी मृत्य नही हो जाती : जज संदीप कुमार शर्मा

राजस्थान : जयपुर के नरैना में 4 साल की मासूम के साथ बलात्कार कर तालाब में डुबोकर हत्या करने के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने दोषी सुरेश बलाई को फांसी की सजा सुनाई है. जयपुर पॉक्सो कोर्ट ने जयपुर ज़िले में फांसी यानी मृत्युदंड का यह पहला फैसला सुनाया है.

राजस्थान में यह पांचवीं फांसी की सजा होगी. इस केस के स्पेशल पीपी महावीर सिंह कृष्णावत ने बहस में मृत्युदंड की मांग की थी, जिसे जज संदीप शर्मा ने स्वीकार करते हुए फांसी की सजा सुनाई है. विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह ने कोर्ट में कहा कि अभियुक्त ने जो कृत्य किया है, वो पशु भी नहीं करते हैं. ऐसे में फांसी की सजा ही दी जानी चाहिए, जिससे समाज में कड़ा संदेश जाए.

इस मामले में पॉक्सो कोर्ट में 41 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए थे. हर किसी को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया. हर पक्ष को सुनाया गया था. इसके अलावा 141 दस्तावेजों को बतौर साक्ष्य भी पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया था. पॉक्सो कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 4 फरवरी को सुरेश को दोषी करार दिया था.

पिता की शिकायत पर पुलिस ने की कार्यवाही

मासूम के पिता ने 12 अगस्त 2021 को नरैना थाने में मामला दर्ज कराया था। पुलिस को उसी दिन तालाब में बच्ची की लाश मिली थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि हुई थी। जयपुर ग्रामीण पुलिस ने कार्यवाही करते हुए 15 घण्टे के अंदर ही दिनांक 13 अगस्त को आरोपी सुरेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं मामले की जांच पूरी होने पर 8 दिन के अंदर ही अदालत में विभिन्न धाराओं में चालान पेश किया था। गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई है।

रोज हुई सुनवाई , 6 महीने में सुनाई गई सजा,आरोपी के लिए कोई संवेदना नही

पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को आईपीसी की धारा 376ए(बी), धारा 302 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 में दोषी माना है। 8 फरवरी को सजा के बिंदु पर बहस के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर किश्नावत ने मामले को ‘रेयरेस्य ऑफ द रेयर’ बताते हुए कोर्ट से अभियुक्त सुरेश के लिए मृत्युदंड देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि अभियुक्त का कृत्य जानवरों से भी बदतर है। इसने न केवल मासूम के साथ दुष्कर्म किया बल्कि उसे तालाब में डुबोकर बड़ी बेरहमी से मार डाला।

ऐसे आरोपी के लिए मृत्युदंड जरूरी : जज

कोर्ट ने अपने फैसले में इस अपराध को अकल्पनीय वासना और हैवानियत की हद से लिप्त बताया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने महज 4 साल की बच्ची के साथ जो बर्बरतापूर्वक कृत्य किया है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.इस उम्र के छोटे बच्चों को कांटा चुभने पर ही असहनीय पीड़ा का एहसास होता है ऐसे में वो बालिका ने किस सीमा तक तड़प झेली होगी. वहीं आरोपी ने अपराध करने के बाद बच्ची को पानी के तालाब में भी फेंक दिया. बता दें कि राजस्थान में पॉक्सो केस में फांसी की सजा का यह 5वां मामला है.

जज संदीप शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि यह कृत्य ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ कैटेगरी में आता है। अगर इसे मृत्युदंड नहीं दिया गया तो पॉक्सो एक्ट 2012 पारित किए जाने का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। ना ही लैंगिग अपराधों में कोई कमी आएगी, जो प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं।

पुलिस ने 15 घंटों में पुलिस ने किया था गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक जयपुर ग्रामीण मनीष अग्रवाल ने बताया कि 11 अगस्त 2021 को कस्बा नरेना में साढ़े चार वर्षीय बच्ची का अपहरण कर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि इसमे प्राप्त शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करते हुए बच्ची के खोजबीन हेतु पुलिस टीम को लगाया गया था पुलिस को बच्ची की लाश तालाब में मिली थी अज्ञात आरोपी की तलाश व गिरफ्तारी हेतु 700 पुलिस धिकारियों एवं कार्मिकों को लगाया गया था। 

तलाशी में लगे पुलिस दलों को मात्र 15 घंटे में ही अज्ञात आरोपी सुरेश कुमार बलाई (25) के रूप में पहचान की और उसे गिरफ्तार कर जघन्य वारदात का खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि मामले में सुरेश कुमार के खिलाफ विभिन्न भारतीय दंड संहिता की धाराओं और पॉक्सो अधिनियम के तहत न्यायालय में मात्र 8 कार्य दिवस में चालान प्रस्तुत किया गया।

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