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डीपीआरओ कार्यालय में चलता है बाबुराज, एंटी करप्शन के अपराधी का है बोलबाला

कुशीनगर में डीपीआरओ अभय यादव उड़ा रहे हैं शासनादेश का मजाक

कुशीनगर : बाबू राज की नजीर देखना हो तो डीपीआरओ कार्यालय कुशीनगर का रुख कीजिए, यहां बाबुओं की मनमानी के आगे शासनादेश घुटने टेकता दिख रहा है, हालत यह है कि वर्षों से कार्यालय के अलग-अलग अनुभाग में बाबू डटे पड़े हैं। नियमानुसार प्रत्येक तीन वर्ष के बाद पटल में परिवर्तन कर देना चाहिए, लेकिन यहां कोई 19 वर्ष से तो कोई दो दशक से भी अधिक समय से पटल पर बना हुआ है। कार्यालय स्टाफ के अलावा फील्ड स्टाफ का भी यही हाल है, तीन पत्रवाहक जो 15 से अधिक वर्षों से टिके हुए हैं, इनमें से एक ऐसे हैं, जिन्होंने 22 से अधिक वर्ष का समय पूरा कर लिया है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि डीपीआरओ कार्यालय में बाबुओं व फील्ड कर्मचारियों का काकस कितनी मजबूती से काम कर रहा है। शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए ऐसे कर्मचारी अपने-अपने पटलों में बने रहकर आए दिन तरह तरह की स्वाभाविक मनमानी भी कर रहे हैं।


सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कार्यों में पारदर्शिता लाने तथा सभी कर्मचारियों को अलग अलग जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए प्रत्येक तीन वर्ष के बाद पटल परिवर्तन कर देना चाहिए, लेकिन डीपीआरओ कार्यालय कुशीनगर में ऐसा नही हो पा रहा हैं।

इसका खुलासा तब हुआ जब तमकुही विकास खण्ड के बभनौली निवासी आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप सिंह ने कर्मचारियों से संबंधित जनसूचना मांगी तो जो जानकारी उपलब्ध कराई गई वह चौकाने वाला दिखा। सूचना में जानकारी दी गयी हैं कि वर्तमान में कार्यरत वरिष्ठ लिपिक रिजवानुल्लाह जो जनपद महराजगंज से स्थानांतरित होकर कुशीनगर आये हैं वह वरिष्ठ लिपिक के पद पर 5 वर्ष से कार्यरत हैं तो वही कनिष्ठ लिपिक के पद पर राहुल सिंह 18 वर्षो से काबिज है, इसके ऊंची पँहुच व रसूख का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसे डीपीआरओ कार्यालय में ही रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन व्यूरो ने रंगे हाथ पकड़ा था, उसके बावजूद वह पुनः इसी कार्यालय में अपने रसूख के बल पर काबिज है। जब कि सोनभद्र से स्थानांतरित होकर आने वाले रमेशचंद्र 15 वर्ष, धर्मेंद्र कुमार गौतम 19 वर्ष व मुक्तेश्वर 22 वर्षो से पत्रवाहक के रूप में अपने मूलपद पर कार्यरत है। जबकि संतोष कुमार तिवारी ग्राम पंचायत अधिकारी को सम्बद्ध कर कार्य लिया जा रहा है। ऐसे में पिछले लम्बे समय से यह मांग चली आ रही है कि जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में वर्षों से एक ही पटल पर जमें बाबुओं के पटल में परिवर्तन किया जाए।

डीएम कुशीनगर रमेश रंजन ने स्पष्ट तौर पर मातहतों को निर्देशित कर दिया गया है कि किसी तरह की मनमानी कतई नहीं चलेगी। शासन के सभी निर्देशों, नियमों व प्राथमिकताओं का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करना होगा। जिलाधिकारी के ईमानदार व सख्त तेवरों को देख ज्यादातर कर्मचारियों में यह उम्मीद बढ़ी है कि लंबे समय से हो रहा उनका शोषण अब दूर होगा। जो चंद कर्मचारी लम्बे समय से एक ही पटल पर कुंडली जमाए बैठे हैं, उनकी मनमानी अब दूर होगी तथा सभी कर्मचारियों को नए-नए पटल पर काम करने व सीखने का मौका मिलेेगा।

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