कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष के पुत्र द्वारा डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर रील बनाने का मामला
एक हफ्ते से अधिक समय बीतने के बावजूद भी सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही पर नहीं लिया गया कोई एक्शन न ही युवक पर हुई कोई कार्यवाही
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : बीते दिनों डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर एक युवक जिसके विरुद्ध धारा 307 का वाद न्यायालय में विचाराधीन है जिसका नाम अभिषेक उर्फ सोनू खेतान है के द्वारा रील बनाने के मामले में उक्त युवक और वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों के विरुद्ध प्रशासन द्वारा अबतक किसी भी प्रकार की कार्यवाही न होने से क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है तथा इससे कुशीनगर प्रशासन भी कठघरे में खड़ा हो रहा है। उक्त युवक और सुरक्षाकर्मियों पर कार्यवाही न होने से सवाल यह उठ रहा है कि आखिर प्रशासन द्वारा किसके दबाव में आकर उक्त के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। उक्त युवक अभिषेक उर्फ सोनू खेतान हेलीकॉप्टर के पास सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर मे बैठकर रील (वीडियो) बनवाता रहा और यह सुरक्षाकर्मी सूरदास बने बैठे रहे, जबकि इस घटना को डिप्टी सीएम की सुरक्षा मे बडी चूक मानी जा रही है।
इस घटना के बाद विधि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं में त्वरित कार्यवाही न होने का मतलब भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को बढ़ावा देना है।
विदित हो कि बीते माह 14 अप्रैल को भाजपा द्वारा आयोजित सोशल मीडिया वालंटियर्स के कार्यक्रम में भाजपा के सोशल मीडिया के योद्धाओ में जोश भरने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पडरौना आये हुए थे। कार्यक्रम के एक दिन पूर्व शनिवार को प्रोटोकाल के अनुसार डिप्टी सीएम के आने और उनकी सुरक्षा व्यवस्था की सारी तैयारियाँ पूरी कर ली गयी थी। डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर को लैंड करने के लिए पडरौना के सुसवलिया स्थित जयपुरिया स्कूल में हेलीपैड बनाया गया था। यहां से डिप्टी सीएम सड़क मार्ग से कार्यक्रम स्थल पार्थ रिजॉर्ट पँहुचे। इस दरम्यान प्रोटोकाल के मुताबिक डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर दो लेयर व क्लोज प्रोटेक्शन के सुरक्षा घेरे में होता है जहां सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहते है। इसके बावजूद कप्तानगंज नगर पंचायत के अध्यक्ष का पुत्र अभिषेक उर्फ सोनू खेतान सुरक्षा कवच को तोड़कर डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर पर पहुच गया और हेलीकॉप्टर मे बैठकर बकायदे रील(वीडियो) बनवाया। इतना ही नही भौकाल टाइट करने के लिए सोनू ने इस रील को अपने आईडी से सोशल मीडिया पर अपलोड भी कर दिया। हालाकि जब मीडिया ने इस मामले को संज्ञान मे लिया तो सोनू ने सोशल मीडिया से अपना वह वीडियो डिलीट कर दिया। मीडिया ने डिप्टी सीएम के सुरक्षा में हुई चूक की घटना को प्रमुखता से उठाया बावजूद इसके घटना के एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद न तो इस शख्स पर कोई कार्रवाई की गयी और न ही सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले सुरक्षाकर्मियों को आड़े हाथ लिया गया। ऐसे मे यह सवाल उठना लाजमी है कि डिप्टी सीएम के सुरक्षा मे हुई इतनी बडी चूक के बावज़ूद अब तक किसी पर एक्शन क्यो नही लिया गया? सवाल यह भी उठता है कि आखिरकार किसके दबाब मे प्रशासन द्वारा डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर मे बैठकर रील बनाने वाले शख्स और डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर तक सोनू को पहुचाने वाले गैरजिम्मेदार कर्मचारी के विरुद्ध अब तक कोई कार्यवाही क्यो नहीं की गई ?
कौन है अभिषेक खेतान उर्फ सोनू खेतान
गौरतलब है कि अभिषेक उर्फ सोनू खेतान, कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष सुशीला खेतान के पुत्र है। इनके पिता विजय खेतान भी कप्तानगंज नगर पंचायत के अध्यक्ष रह चुके है। अभिषेक एक व्यवसायी है साथ ही साथ जयपुरिया स्कूल के संचालन में अभिषेक की हिस्सेदारी है। सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा यह कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि के रूप में भी नगर पंचायत का कार्यभार देखते है। इनके उपर दो दशक पूर्व एक व्यवसायी को गोली मारने के आरोप में स्थानीय थाने में धारा 307 के तहत मुकदमा भी दर्ज है जो न्यायालय में विचाराधीन है।
क्या कहते हैं कानून के जानकार
प्रयागराज उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुरेश बेरी व प्रशांत श्रीवास्तव कहते है कि डिप्टी सीएम अथवा कैबिनेट मंत्री के हेलीकॉप्टर तक कुछ गिने-चुने सूचीबद्ध व्यक्तियों (हेलीपैड के पास मौजूद सक्षम अधिकारी के सूची मे दर्ज नाम) को छोड अन्य किसी व्यक्ति को वहां तक जाना निषेध होता है। किसी व्यक्ति को हेलीकॉप्टर पर बैठने की अनुमति अथवा अपनी रजामंदी वह व्यक्ति ही दे सकता है जिनका प्रोटोकाल है मतलब यह कि डिप्टी सीएम के अनुमति व इच्छा के विरुद्ध कोई भी व्यक्ति उस हेलीकॉप्टर में नही बैठ सकता है। ऐसे मे किसी व्यक्ति द्वारा वह भी जिसके उपर अपराधिक मामला दर्ज है वह व्यक्ति डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर में बैठकर रील्स और वीडियो बनाता है तो यह सुरक्षा व्यवस्था में बहुत बडी चूक है। इस पर तत्काल वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों व हेलीकॉप्टर मे बैठने वाले व्यक्ति के खिलाफ स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जानी चाहिये। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह की घटनाओं मे त्वरित कार्यवाही न होने का मतलब भविष्य मे ऐसी घटनाओं की पुर्नावृति को बढ़ावा देना है।
लखनऊ उच्च न्यायालय के अधिवक्ता केसी मिश्रा तथा पडरौना दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय, कसया न्यायालय के अधिवक्ता ओंकार नाथ पाण्डेय का कहना है कि वीआईपी का एक प्रोटोकाल होता है डिप्टी सीएम का हेलीकॉप्टर लैंडिंग के बाद वह टू लेयर के सुरक्षा में होता है हेलीकॉप्टर में बैठने की बात तो दूर हेलीकॉप्टर के नजदीक जाने की इजाजत किसी को नही मिलती है। अगर कोई व्यक्ति डिप्टी सीएम के हेलीकॉप्टर पर बैठकर रील बनाता है तो यह सुरक्षा व्यवस्था मे बहुत बडी चूक है इस तरह की लापरवाही से कोई भी अनहोनी हो सकती है। अब तक इस मामले मे प्रथम दृष्टया दोषी लोगों पर कार्यवाही न होना अपने आप में एक सवाल है और इससे प्रशासन भी कठघरे में खड़ा हो रहा है।