कुशीनगर में शुक्रवार को एंटी करप्शन में छापा मारकर एक रिश्वतखोर कानूनगो को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन की टीम ने पैमाईश के नाम पर पाँच हजार की रिश्वत लेते हुए कानूनगो को गिरफ्तार किया है, हालांकि लेखपाल संघ ने इस कार्यवाही का विरोध किया लेकिन इसका कोई भी असर टीम पर नहीं दिखा।

द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले के कप्तानगंज तहसील में एंटी करप्शन की टीम ने शुक्रवार को एक रिश्वतखोर कानूनगो को पाँच हजार घुस लेने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया, कानूनगो पर यह आरोप था कि उसने भूमि पैमाईश के नाम पर पाँच हजार रुपये की मांग की थी और शुक्रवार को रिश्वत का पैसा लेते हुए उसे एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया, तथा उसे लेकर रामकोला थाने चली आयी। इस पूरे मामले की जानकारी जब लेखपाल संघ को हुई तो लेखपाल संघ के लोग थाने पंहुचकर एंटी करप्शन टीम का विरोध करते हुए टीम पर झूठी कहानी रचकर कानूनगो को फंसाने का आरोप लगाने लगे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कप्तानगंज तहसील के जगदीशपुर क्षेत्र में तैनात कानूनगो बशीर आलम को कप्तानगंज तहसील कैंपस से शुक्रवार को एंटी करप्शन की टीम ने घुस लेते हुए रंगे हाथ धर लिया। इस मामले में शिकायतकर्ता ब्रह्मदेव पाण्डेय ने बताया कि वह दिल्ली में रहकर पुरोहित का काम करते है तथा अपनी एक जमीन की पैमाईश के लिए पिछले 1 वर्ष से लेखपाल और कानूनगो के चक्कर लगा रहे थे, पैमाइश के नाम पर कानूनगो ने पहले भी 18000 रुपए लिए थे लेकिन बावजूद जमीन की पैमाईश नहीं की जा रही थी। अब उनसे फिर 5000 रुपये की मांग की गई तो उन्होंने गोरखपुर एंटी करप्शन टीम को मामले की जानकारी देते हुए एक प्रार्थना पत्र सौंपकर कार्यवाही की गुहार लगायी। 5 दिन पहले हुई शिकायत के सम्बन्ध में जरूरी प्रक्रिया पूरी कर एंटी करप्शन टीम शुक्रवार को कप्तानगंज तहसील पहुंची, जहां पर कानूनगो को 5000 रुपये का घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया तथा इसके बाद टीम कानूनगो को लेकर रामकोला थाना चली आई और पूछताछ में जुटी हुई है।
दूसरी तरफ जब लेखपाल संघ के सदस्यों को कानूनगो के ऊपर हुई एंटी करप्शन की टीम द्वारा कार्यवाही का पता चला तो खलबली मच गई और क्षेत्र के सभी लेखपाल रामकोला थाने पर पहुंच गए तथा सभी लोग अंतिम एंटी करप्शन की कार्यवाही को झूठा बताते हुए विरोध करने लगे, उनका कहना था कि एंटी करप्शन ने झूठी कहानी रचते हुए कानूनगो को उठाया है। लेखपाल के संघ के लोगों ने यहां तक भी कहा कि कमरे में पैसे ले जाकर शिकायतकर्ता ने किसी बाहरी आदमी को दिया था ना कि लेखपाल और कानूनगो को। शिकायतकर्ता ने जिसको पैसे दिए थे वह प्राइवेट आदमी कौन था यह किसी को पता नहीं है। लेखपाल संघ का कहना था कि जबरन कानूनगो के जेब में पैसे डालकर एंटी करप्शन की टीम उन्हें दोषी साबित कर रही जो सरासर गलत है।