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पहली ही बरसात में धंसा बंधे का नोज, अधिशासी अभियंता बोले यह सामान्य बात है

कुशीनगर में पहली बरसात में ही ठोकर का आठ मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे बांध के अगल बगल के गांवों में रहने वाले लोगों में भय का माहौल व्याप्त है लेकिन जिम्मेदार इसे सामान्य बात बता रहे हैं।

द चेतक न्यूज

कुशीनगर : जिले में नारायणी नदी के आसपास बसे गांवों को बाढ़ से बचाने एवं नदी के कटान को रोकने के लिए बनाये गए बांध का नोज पहली ही बरसात में लगभग 8 मीटर धंस गया है लेकिन बांध के जिम्मेदार इसे सामान्य बात बता रहे हैं। नारायणी नदी को कटान से बचाने तथा आसपास के गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए सरकार हर वर्ष करोड़ो रुपये बाढ़ खण्ड विभाग को देती है लेकिन विभाग के जिम्मेदारों और ठेकेदारों की मनमानी के कारण ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सता रहा है। सरकार बाढ़खण्ड में अधिशासी अभियंता एक्सईएन, सहायक अभियंता (एई) और जूनियर इंजीनियर आदि को लगाकर ठेकेदार के माध्यम से बांधा और नोज (ठोकर) बनवाती है और सभी जिम्मेदार अधिकारी उसकी निरन्तर मॉनिटरिंग कर उसके निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित करते है। लेकिन विभाग के जिम्मेदार की लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण सरकार के धन खर्च होने के बाद भी ग्रामीणों को बाढ़ का का खतरा सता रहा है क्योंकि नारायणी तटबंध के रामपुर बरहन के परोरही गांव के सामने बना ठोकर नंबर-चार का आठ मीटर हिस्सा पहली बरसात में ही धंस गया। विभाग द्वारा बनाये गए करोड़ो रूपये के लागत वाले ठोकर की नोज पहली और हल्की बारिश में ही धसना शुरू हो गए हैं। दूसरी तरफ जब स्थानीय लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों को जब यह समस्या बतायी गयी तो इसे सामान्य समस्या बता कर नोज धसने की बात से ही इंकार कर दिए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अमवा तटबंध के रामपुर बरहन के परोरही गांव के सामने बना ठोकर नंबर-चार का आठ मीटर हिस्सा पहली बरसात में ही धंस गया, इसके चलते बांध पर खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ठोकर की मरम्मत नहीं कराई गई तो मानसून के समय नदी के बढ़ते जलस्तर में बांध को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं दूसरी तरफ विभागीय जिम्मेदार बांध को सुरक्षित किए जाने का दावा कर रहे हैं।

बताते चलें कि अमवाखास तटबंध के परोरही गांव के सामने बड़ी गंडक नदी बंधे से काफी नजदीक बहती है, बंधे को बचाने और पानी की धारा को दूसरी दिशा में मोड़ने के लिए ठोकर नंबर-चार बनाया गया है। नदी में जलस्तर की वृद्धि होने के बाद सोमवार को हल्की बारिश में ठोकर का आठ मीटर हिस्सा धंस गया, ठोकर धंसने के बाद नदी का दबाव अब मुख्य तटबंध पर बढ़ गया है, ठोकर का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त होते ही नदी बांध के करीब से सटकर बह रही है। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना बाढ़ खंड विभाग को दे दी है, बावजूद इसके देर शाम तक विभागीय जिम्मेदार मौके पर पँहुचे थे। गांव के राजकुमार पाल, शुभनारायन, अशोक यादव, अर्जुन, रामक्षत्रिय यादव, सतेंद्र यादव आदि का कहना है कि नदी बंधे की काफी नजदीक से होकर बह रही है, इससे मुख्य बांध पर संकट मंडराने लगा है, अगर यही हाल रहा तो बढ़ते जलस्तर में बांध को भी नदी नुकसान पहुंचा सकती है, बंधा टूटने के बाद कई गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे।

इस मामले पर जब कुशीनगर जिले के अधिशासी अभियंता बाढ़खण्ड महेश सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि नोज धंसने की कोई जानकारी नहीं है पुराना हो सकता है। वैसे नोज बनाये जाए है धंसने के लिए ही इसलिए यह कोई बड़ी बात नहीं है, सभी बांध सुरक्षित हैं।

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