सामुहिक दुष्कर्म की मासूम पीड़िता 23 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ते हुए आखिरकार हार गयी और इलाज के दौरान 23वें दिन बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में उसकी मौत हो गयी। सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पीड़िता की माँ द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखने के बजाय हनुमानगंज थाने की पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की दो लाइन को हटाकर मुकदमा पंजीकृत किया था। हैवानों ने मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे जहर पिला दिया था, मामले को मीडिया द्वारा उठाने के बाद घटना के 13 दिन बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस सक्रिय हुई थी।
हनुमानगंज थाने की पुलिस पर गम्भीर आरोप है कि एफआईआर लिखते वक्त मूल तहरीर से पुलिस ने दो लाइन को हटा दिया था।
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले के हनुमानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता आखिरकार जिंदगी की जंग हार गयी। 14 साल किशोरी ने सोमवार को शाम बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बीते 30 जून की रात में आरोपियों ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे जहरीला पदार्थ खिला दिया, किशोरी की तबीयत बिगड़ी तो परिजन ने इलाज कराया, लेकिन जान नहीं बची। पुलिस इस मामले में शुरू से ही लापरवाह दिखी क्योंकि पीड़िता की माँ द्वारा दिये गए मूल तहरीर से घटना की मुख्य दो लाइनें निकालकर हनुमानगंज थाने की पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया था तथा घटना के 13 दिन बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब देखने वाली बात यह है कि पीड़िता को न्याय कितना मिल पाता है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक हनुमानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली किशोरी के साथ हैवानों द्वारा हुई हैवानियत के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चल रहे इलाज से भी पीड़िता की जान नही बच सकी। घटना के एक सप्ताह बाद पीड़िता की माँ से तहरीर लेकर दो के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज तो किया लेकिन घटना के 13 दिन बाद भी किसी भी आरोपी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी थी, सभी आरोपी खुलेआम घूम रहे थे।
इस सम्बंध में पीड़िता की माँ ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म व जहरीला पदार्थ खिलाने के मामले में इलाज के दौरान पुलिस ने गोरखपुर में पीड़िता का बयान लिया था। घटना के एक सप्ताह बाद पीड़िता की माँ से तहरीर लेकर दो के विरुद्ध पुलिस ने मामला दर्ज तो किया लेकिन तहरीर और बयान के आधार पर दर्ज केस के बाद भी कोई गिरफ्तारी घटना के 13 दिन तक नही हुई थी। मीडिया में जब खबर चलने लगी तो पुलिस हरकत में आयी और आनन फानन में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, फिलहाल वे जेल में निरुद्ध हैं।
मृतक किशोरी की मां के अनुसार उसने तहरीर में दो आरोपियों के नाम लिखे थे, लेकिन किशोरी को होश आया और मजिस्ट्रेट ने बयान लिया तो उसमें पीड़िता ने चार आरोपियों के नाम बताए थे। किशोरी की तबीयत ठीक होने के बाद अन्य आरोपियों को भी पकड़ने की बात की जा रही थी, लेकिन उसने न्याय की लड़ाई पूरी होने से पहले ही दम तोड़ दिया।
हालांकि इस मामले में हनुमानगंज थाने के पुलिस की लापरवाही शुरू से ही सामने आयी है, क्योंकि 30 जून की रात को घटना घटित होने के बाद भी पुलिस बेखबर बनी रही। पीड़िता की मां की तहरीर पर 5 जुलाई को हनुमानगंज पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया था लेकिन किसी को गिरफ्तार नही किया। मामला मीडिया में आने के बाद आनन फानन में पुलिस ने दोनों को 15 जुलाई को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जहां से दोनों जेल में है। हनुमानगंज थाने की पुलिस पर यह आरोप है कि तहरीर के अनुसार एफआईआर लिखने की बजाय पुलिस में तहरीर की दो मुख्य लाइन छोड़ दी थी।
इस संबंध में सीओ खडडा उमेश कुमार भट्ट का कहना है कि वे आवश्यक कार्य से हाइकोर्ट आए हैं, मामले में आवश्यक कार्यवाही के लिए हनुमानगंज पुलिस को निर्देश दिया जा रहा है।