The Chetak News

भ्रष्ट बीएसए पर आखिर क्यों मेहरबान है सरकार, कहीं नाम के आगे का टाइटल तो नहीं पड़ रहा भारी

कई बार विभागीय कार्यवाही के बावजूद बीएसए राकेश सिंह अल्पर आखिर क्यों मेहरबान हैं बेसिक शिक्षा मंत्री सन्दीप सिंह

अनियमितता, भ्रष्टाचार, आय से अधिक सम्पत्ति, जमीन कब्जाने का आरोपी है अलीगढ़ में तैनात बीएसए राकेश सिंह

द चेतक न्यूज

वाराणसी : एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ सरकारी कर्मचारियों तथा विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कड़ाई से पेश आ रहे हैं तथा भ्रष्ट कर्मचारियों और कार्यवाही हेतु लगातार सरकार की तरफ से दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं लेकिन उनकी टीम के मंत्री ही उनके आदेशों को अनसुना करते हुए, उनके आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए भ्रष्ट कर्मचारियों की ढाल बनकर खड़े नजर आ रहे हैं। भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के बावजूद बीएसए राकेश सिंह पर सरकार की खामोशी के कारण जनता के बीच तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं, इसी के अंदर एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि कहीं नाम के आगे के टाइटल तो भारी नहीं लड़ रहा है सरकार पर जिसके वजह से भ्रष्ट अधिकारी पर कोई गंभीर कार्यवाही नहीं हो पा रही है।

मामला बेसिक शिक्षा मंत्री सन्दीप सिंह के गृह जनपद अलीगढ़ का है, यहां भ्रष्टाचार का आरोपी बीएसए राकेश कुमार सिंह की तैनाती है। कहने को तो बेसिक शिक्षा मंत्री सन्दीप सिंह ईमानदारी की मिसाल माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री स्व.कल्याण सिंह के पौत्र हैं, मगर न जाने क्यों वह अपने विभाग के उस अधिकारी को अपने गृह जनपद में पदस्थ किये हैं, जिसपर शुरू से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते आये हैं।

मजे की बात यह है कि सूबे में राकेश सिंह की तैनाती जिस भी जिले में रही है वहां इसके ऊपर भ्रष्टाचार और नियम विरुद्ध नियुक्तियों समेत कई मामलों में विभागीय कार्यवाही की संतुति हो चुकी है, मगर फिर भी न जाने राकेश सिंह ने मंत्री सन्दीप सिंह की कौन सी इस दबाई है, जिससे कि मंत्री संदीप सिंह भ्रष्टाचार मुक्त शासन का नारा सफल करने की बजाय एक भ्रष्टाचारी को सीने से लगाये बैठे हैं। भ्रष्ट अधिकारी राकेश सिंह के मंत्री सन्दीप सिंह के गृह जनपद में तैनाती पर जनता में मंत्री के प्रति सवालिया निशान भी खड़े हो रहे हैं।

जहां भी तैनाती रही, भ्रष्टाचार का आरोपी बनाया राकेश सिंह

बीएसए राकेश कुमार सिंह प्रदेश में जिस भी जनपद में तैनात रहा वहां सके ऊपर आरोप लगते गये, चाहे वह गाजीपुर हो, सोनभद्र, वाराणसी में भी इसके करतूतों की दास्तान लंबी है। बलिया वाले मामले में राकेश सिंह के विरुद्ध वर्ष 2022 में 25 जुलाई को एफआईआर संख्या 0005 में 201,417,409,467,468,120बी,13(1)ए 13(2) जैसे गम्भीर धाराओं में मुकदमे भी पंजीकृत हुआ है, जिसकी जांच रिपोर्ट वाराणसी विजिलेंस ने शासन को भेज दिया है। इसके पूर्व की बात करें तो वर्ष 2007 में सोनभद्र में बतौर बीएसए तैनाती के समय कस्तुरबा गांधी विद्यालय में विरोधाभासी पत्र लिखने मानक विहीन आपूर्ति किये जाने फर्जी वितरण, निर्माण कार्यों में अनिमियता समेत तमाम मामलों में दोषी पाये जाने पर बेसिक शिक्षा अनुभाग ने 1573/पंद्रह-1-13-10(122)/2007 दिनांक 31-12-2013 अनुशासनिक कार्यवाही पर लिखा कि जांच अधिकारी द्वारा सभी आरोप सिद्ध पाया गया था और अपचारी अधिकारी राकेश सिंह के विरुद्ध परनिन्दा प्रविष्ट प्रदान करते हुये 3 वेतन वृद्धियां स्थायी रूप से रोके जाने का दंड मिला था, वर्षों बाद 16 अक्टूबर 2020 को पत्र द्वारा लोक सेवा आयोग यूपी प्रयागराज द्वारा राकेश सिंह के विरुद्ध दण्ड पर सहमति उपलब्ध कराया था।

वाराणसी में नियुक्ति के दौरान तत्कालीन बीएसए राकेश सिंह पर रेखा सिंह बनाम राकेश सिंह अवमानना वाद संख्या 3174/2021 में आदेश दिनांक 16-8-2021.21-9-2021 एवं दिनांक 8-11-2021 की जानकारी राकेश सिंह द्वारा न उपलब्ध कराए जाने पर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और निदेशक के विरुद्ध जमानती वारंट जारी हो गया था। जिसपर राकेश सिंह पर अपने पदों का निर्वहन न करने और कार्य के प्रति लापरवाही बरतने का दोषी पाये जाने पर अनुशासनिक कार्यवाही की स्वीकृति हुई थी। इतना ही नही रिट याचिका संख्या 14431/2020 रुचि सिंह बनाम यूपी राज्य बनाम अन्य में पारित आदेश 22-1-2021 बलिया में 2015-16 में कार्मिकों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने और कार्मिकों के अभिलेखों को सुरक्षित न रखने सम्बंधित अभिलेखों को सम्बंधित बोर्ड से शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन न करने समेत कई मामलों में राकेश सिंह के विरुद्ध कार्यवाही का निर्णय हुआ था और बलिया में ही राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान के पत्र रा. प.नि./5029/2014-15 दिनांक 27-3-2015 का अनुपालन न कर सर्व शिक्षा अभियान परियोजना पैकेज से 1-4-2015 से 17 तक नियम विरुद्ध भुगतान प्राप्त करने पर गम्भीर अनियमितता का राकेश सिंह दोषी पाया गया था।

भ्रष्टाचार के दर्जनों आरोपों के बावजूद खामोश है ईमानदार सरकार

अलीगढ़ के बीएसए के खिलाफ अबतक तमाम आरोप लगते आये हैं, मगर यह अपने पैसे और पहुँच के बल पर नियम, कानून-व्यवस्था को धता बताकर पद पर बना रहता है। बताया जाता है कि यह सत्ता पक्ष के लोगों और विभागीय उच्चाधिकारियों को गुमराह और लाभ पहुँचाकर पद पर बना रहता है। मगर सबसे बड़ा सवाल यह है कि भ्रष्टाचार पर कठोर रुख अपनाने वाली योगी सरकार द्वारा बीएसए राकेश सिंह पर ख़ामोशी क्यों अख्तियार की गयी है ?

Exit mobile version