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जाली नोटों का मामला : रियल एस्टेट के साथ एक मदरसे का नाम भी आया सामने, उड़ी रातों की नींद

 

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से मामला जुड़े होने के कारण कुशीनगर में पकड़े गए जाली नोट के मामले में गृह मंत्रालय जमाये हुए है पैनी नजर

द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले में कुछ दिनों पूर्व जाली नोटों का जखीरा और नकली नोटों के कारोबारियों के पकड़े जाने तथा मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आने के बाद गृह मंत्रालय इसपर पैनी नजर बनाए हुए है। जानकारी के मुताबिक कुशीनगर में नकली नोट मामले में रियल स्टेट कम्पनियों व मदरसे की संदिग्ध भूमिका का साक्ष्य भी जांच एजेंसियों के हाथ लगा है। जब से जाली नोट के मामले में रियल एस्टेट और मदरसे का नाम सामने आया है तब से जिले के रियल स्टेट कम्पनियों व मदरसे के लोगो के दिन का चैन और रातो की नींद उड़ गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कानून के घेरे से बचने के लिए राजनीतिक जुगाड़ लगाने मे जुटा है तो कोई अपनी समाज सेवा का किस्सा प्रचारित कर जांच एजेंसियों के रडार से बचाना चाहता है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि जाली नोट मामले मे जांच की जद में आने के बाद अपनी समाज सेवा का कार्य प्रसारित करने के पीछे राज क्या है ?  आम लोगों का मानना है कि अपनी समाज सेवा का प्रचार करने के पीछे जांच एजेंसियों को भ्रमित करने का कोई उद्देश्य हो सकता है, बात चाहे जो भी हो अब तो जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी।

ज्ञात हो कि बीते सितम्बर माह के 23 तारीख को जनपद के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र के निर्देश पर कुशीनगर जनपद के विभिन्न थानों की पुलिस ने संयुक्त आपरेशन के तहत जिले में जाली नोट कारोबार के गिरोह के खिलाफ बडी कार्यवाही करते हुए गिरोह के सरगना रफी अहमद सहित दस लोगो को गिरफ्तार कर तमकुहीराज कस्बा से जाली नोट व हथियारो का जखीरा बरामद किया था तथा दुसरे दिन जिले की पुलिस ने इस गिरोह के एक और सदस्य को मुठभेड में दबोच लिया, इस तरह इस मामले मे अब 11 अभियुक्त जेल जा चुके है। अब यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा मे आ गया है, मामला देश के अर्थ व्यवस्था से जुडे होने के कारण एटीएस और एनआईए ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी, यही वजह है कि इस मामले में गृह मंत्रालय भी नजर जमाये हुए है।

पुलिसिया जांच पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने ज्यादातर नकली नोट जमीन की खरीद-फरोख्त में खपाया है, मामले की जांच मे जुटी स्थानीय पुलिस सहित एटीएस व एनआईए की टीमों को भी जाली नोटों के कारोबारियों द्वारा नकली नोटों के अवैध कारोबार से रियल स्टेट का एक बडा सिंडिकेट तैयार किये जाने का अहम सुराग हाथ लगा है, अगर जांच टीम अपने हाथ लगे साक्ष्यों के आधार पर कार्यवाही करती है तो कुशीनगर, गोरखपुर सहित तमाम जगहो पर रियल स्टेट का कारोबार कर सडक से हवेली और साइकिल से लग्जरी वाहनों का सैर करने वाले लोगो की मुश्किलें बढ़ सकती है, सूत्रों की माने तो जांच एजेंसियों को इस गिरोह के तार नेपाल और सऊदी अरब से भी जुडे मिले है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जाली नोट प्रकरण में जांच एजेंसी के हाथ तमकुहीराज स्थित मदरसा गौसिया इमदादुल उलूम की संदिग्ध भूमिका का साक्ष्य भी मिला है, इसके पीछे वजह यह है कि नकली नोट मामले मे गिरफ्तार कर जेल भेजे गये गिरोह के रफी अहमद, नौशाद खान और हासिम अंसारी मदरसा के प्रबंधकीय कमेटी में शामिल है, सूत्र यह भी बताते हैं कि पिछले काफी दिनो से इस मदरसे में बाहरी लोगों का आवाजाही होता रहता है।

सन्देह पैदा कर रहा जांच की जद में आये रियल स्टेट कम्पनी के मालिक का अलग-अलग बयान

रियल स्टेट कारोबार मे जाली नोटों के खपत होने की बात उजागर होने के बाद मीडिया ने कसया स्थित रेडहिल्स रियल स्टेट कम्पनी के मालिक आलमगीर से बातचीत करने पर उन्होंने पहले तो कहा था कि उनकी कम्पनी की भी जांच चल रही है और उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है, जाली नोटों के कारोबारियों से उनका कोई लेना देना नहीं है, जिसे हमने पिछले 3 अक्टूबर के अंक में प्रकाशित भी किया था, इस खबर को प्रकाशित करने पर उनके एक सहयोगी द्वारा नोटिस भेजवाने की धमकी भी दी गयी थी। लेकिन दुबारा बातचीत के दौरान कम्पनी के मालिक आलमगीर का बयान बदल गया और वो कहने लगे कि उन्हे अब तक न तो कोई नोटिस मिला और न ही कम्पनी पर कोई जांच चल रही है। अब एक बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार रेडहिल्स रियल स्टेट कम्पनी के सीएमडी आलमगीर दो तरह का बयान क्यों दे रहे हैं ? अगर जाली नोट प्रकरण से संबंधित स्थानीय पुलिस व जांच एजेंसियों द्वारा उनसे कोई पूछताछ नही की गयी और उन्हें कोई नोटिस नही मिला था तो उन्होने पहले पूछे जाने पर मीडिया से यह क्यों कहा था कि उनकी कम्पनी की जांच चल रही है, कानून पर उन्हें पूरा भरोसा है। हालांकि इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं देते हुए बस इतना कहा कि हमें जानकारी नही था, लगा कि हमारी कम्पनी की भी जांच चल रही है लेकिन जब पता किया तो ऐसा कुछ नही है, हां इतना जरूर कहा कि हम कहीं से गलत नही है, हम कानून के साथ है और मेरा जो भी सहयोग होगा वह करेंगे।

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