द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने व वयोवृद्ध कार्यकर्ता श्री नारायण उर्फ भुलई भाई का दीपावली के दिन निधन हो गया, जीवन के 111 वसन्त देखने के बाद उन्होंने 31 अक्टूबर की शाम 6 बजे कप्तानगंज में अंतिम सांस ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं कोरोना काल में भुलई भाई को फोन कर उनका हालचाल जाना था तथा उनसे आशीर्वाद लिया था तब एक बार पुनः भुलई भाई चर्चा का केंद्र बन गए थे। 111 वर्षीय भुलई भाई जनसंघ के टिकट पर विधायक रह चुके हैं, सोमवार को उनकी तबीयत खराब हुई थी और उसके बाद से वो पगार छपरा स्थित अपने घर पर ही ऑक्सीजन पर थे।
पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा गृह मंत्री अमित शाह ने जताया शोक
पूर्व विधायक भुलई भाई के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने शोक जताते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि, “राजनीति और समाज सेवा में अमूल्य योगदान देने वाले नारायण जी का देहावसान एक अपूरणीय क्षति है, वे बीजेपी के सबसे पुराने और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे हैं, जिन्हें हम भुलई भाई के नाम से भी जानते हैं। जन कल्याण से जुड़े उनके कार्यों को सदैव याद किया जाएगा, शोक की इस घड़ी में मैं उनके प्रशंसकों और परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, ओम शांति!”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि, “भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में एक नारायण जी उर्फ भुलई भाई का निधन अत्यंत दुःखद है, देशहित व राष्ट्रप्रथम के प्रति समर्पित भुलई भाई, जनसंघ से लेकर भाजपा के माध्यम से युवाओं को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के लिए प्रेरित करते रहे, उनसे हुई मुलाकात में विचारधारा व राष्ट्रवाद के प्रति उनका उत्साह, आज भी मुझे याद आता है, दुःख की इस घड़ी में पूरा भाजपा परिवार उनके परिजनों के साथ है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि “भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ और अत्यंत समर्पित कार्यकर्ताओं में श्री नारायण जी ‘भुलई भाई’ का नाम बड़े आदर और सम्मान के साथ लिया जाता रहा है। ज़मीन से जुड़ कर जनता जनार्दन की सेवा करने में उनका अटूट विश्वास था। उनकी कार्यशैली को मैंने बेहद नज़दीक से देखा और अनुभव किया, उनकी सरलता और सादगी ने मुझे हमेशा प्रभावित किया। भुलई भाई के निधन से मुझे गहरी वेदना की अनुभूति हुई है। दुःख की इस घड़ी में मैं उनके शोकाकुल परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति!”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भुलई भाई के निधन पर लिखा, “भारतीय जनता पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में एक एवं पूर्व विधायक श्री नारायण जी उर्फ ‘भुलई भाई’ का निधन अत्यंत दुःखद और भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों और समर्थकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें। ”
कौन थे पूर्व विधायक भुलई भाई
श्री नारायण उर्फ भुलई भाई भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम कार्यकर्ता थे, जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में उनका नाम गिना जाता है। भुलई भाई पहली बार वर्ष 1974 में नौरंगिया से भारतीय जनसंघ से विधायक रहे हैं, बीजेपी के गठन के बाद भुलई भाई बीजेपी के कार्यकर्ता बन गए। उस समय देवरिया के नौरंगिया (वर्तमान में कुशीनगर के खड्डा) से भुलई भाई ने विधायक का चुनाव जीता था।
भुलई भाई की पहचान थी भगवा कुर्ता, भगवा गमछा
जब भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई तो श्री नारायण उर्फ भुलई भाई एमए के छात्र थे, उस वक्त दीनदयाल उपाध्याय से प्रभावित होकर उन्होंने जब सिद्धांतों के रास्ते पर चलना शुरू किया, तो इन सिद्धांतों का दामन हमेशा थामे रखा। एमए के बाद एमएड किया और इसके बाद भुलई भाई शिक्षा अधिकारी बन गए, लेकिन 1974 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सियासत में आकर देश और समाज के लिए कुछ करने की ठानी, इसी साल उनको भारतीय जनसंघ ने अपना उम्मीदवार बनाया और भुलई भाई विधायक बन गए, भुलई भाई ने नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की थी। 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी के चुनाव चिह्न पर फिर विधायक चुने गए, भुलई भाई की पहचान उनका भगवा कुर्ता व भगवा गमछा रहा है।