
आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
जमेशदपुर : आजकल आम का सीजन चल रहा है तथा आमतौर पर बाजार में आम 30 से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकता है लेकिन अगर आपको पता चले कि किसी ने 10 आमों को एक लाख 20 हजार रुपये में बेचा है तो आपको कैसा लगेगा, है न आश्चर्यचकित करने वाली बात कि आखिर कोई 10 आमों का दाम डेढ़ लाख रुपये कैसे दे सकता है तथा कोई 10 आमों को डेढ़ लाख में कैसे बेच सकता है लेकिन यह सत्य है जमशेदपुर की तुलसी ने अपने 10 आमों को डेढ़ लाख रुपये में बेचा है।
यह रोचक किस्सा जमशेदपुर की तुलसी का है, तुलसी पढ़ने में बहुत ही होनहार है लेकिन उसके परिवार की आर्थिक तंगी उसकी पढ़ाई में आड़े आ रही थी। इस कोरोना महामारी में स्कूलों के बन्द होने की वजह से तुलसी को ऑनलाइन पढ़ाई करनी थी लेकिन उसके पिता की माली हालत इतनी अच्छी नहीं थी कि वह तुलसी को एक एंड्रॉयड फोन खरीद कर दे सके क्योंकि इसके लिए उन्हें कम से कम 10 हजार रुपयों की जरूरत थी, जो उनके पास नहीं थे, लेकिन कहते हैं न कि जिसके अंदर किसी चीज को करने की इच्छाशक्ति होती है, उनकी मदद भगवान भी करते हैं।
यही कहावत चरितार्थ हुई जमशेदपुर की तुलसी के साथ, जब वह ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदने हेतु पैसे जुटाने के लिए अपने आमों को बेचने बाजार गयी तो उसने सोचा भी नहीं होगा कि 40-50 रुपये बिकने वाले आम 1डेढ़ लाख में बिक जाएंगे। तुलसी को अपनी ऑनलाइन पढ़ाई हेतु पैसे जुटाने के लिए आम बेचते देख वैल्युएबल एड्यूटेनमेनर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध अमेया हेटे और उनके पिता तुलसी के पढ़ाई के प्रति जुनून से काफी प्रभावित हुए तथा उन्होंने 10 हजार प्रति आम की दर से पूरे आमों को 1 लाख 20 हजार में खरीद लिया तथा तुलसी को ऑनलाइन पढ़ने के लिए एक एंड्रॉयड मोबाइल तथा 2 साल का फ्री नेट पैक भी दिया, इतना सब पाकर तुलसी और उसके परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने कहा कि इन नेक दिल वालों की वजह से अब हमारी बेटी अच्छे से पढ़ाई कर सकती है तो वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र हेटे तथा उनके बेटे अमेया हेटे भी तुलसी की मदद करके बहुत खुश हैं।
भगवान बनकर आये हेटे ने बदल दी हमारी जिंदगी : तुलसी के पिता
इस सम्बन्ध में तुलसी के पिता श्रीमल कुमार ने कहा कि हमारे इस बुरे दिन में बेटी की पढ़ाई के लिए भगवान बनकर आये इन दोनों नेक दिल व्यक्तियों ने हमारी जिंदगी ही बदल दी, अब हमारी बेटी तुलसी की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आयेगी। इस दौरान तुलसी की माँ पद्मिनी ने भी अमेया हेटे तथा उनके पिता का शुक्रिया अदा किया तथा तुलसी ने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता था कि मेरे यह आम हमारे परिवार के लिए इतने मीठे होंगे लेकिन अब मुझे पढ़ाई के लिए आम नहीं बेचना पड़ेगा।