द चेतक न्यूज
राजीव झां : हमारे देश के प्राचीन नगरों में काशी का नाम प्रमुख है और इसे वाराणसी या बनारस भी कहा जाता है, यह पौराणिक नगर भी है। हिंदू धर्मशास्त्रों में काशी का वर्णन है और यहाँ मोक्षदायिनी गंगा प्रवाहित होती है। राजा हरिश्चंद काशी के राजा थे और उन्होंने अपने जीवन में सत्य की रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया था, काशी को ज्ञान की नगरी भी कहा जाता है और यहाँ के विद्वान पंडितों का सारे संसार में आदर सम्मान था। महामना मदन मोहन मालवीय ने यहाँ इस नगर की परंपरा को ध्यान में रख कर काशी हिंदू विश्वविद्यालय को स्थापित किया, यह आधुनिक शिक्षा का महान केंद्र है। यह नगर हिंदुओं का महान तीर्थ है और यहाँ बाबा विश्वनाथ का मंदिर प्रसिद्ध है। यह उत्तर प्रदेश का प्रमुख नगर है और यहाँ की बनारसी साड़ियाँ महिलाओं के सुख सौभाग्य की प्रतीक मानी जाती हैं। यहाँ गंगा नदी के पावनतट पर तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना पूरी की, यह हिंदी का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। हिंदी के महान लेखक जयशंकर प्रसाद ने भी कामायनी की रचना बनारस में ही किया, वह इस नगर के निवासी थे, भारतेंदु हरिश्चंद को हिंदी में आधुनिक काल का प्रवर्तक कहा जाता है, उनका जन्म भी बनारस में ही हुआ था, यह देश के स्वतंत्रता आंदोलन का महान केंद्र भी रहा है।