आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
प्रयागराज : लंबे समय से सरकार के द्वारा उपेक्षित महसूस कर रहे उच्च शिक्षा के शिक्षक अब आंदोलन करने के लिए विवश हो गए हैं। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के विशेष आमंत्रित सदस्य डॉ गंगेश दीक्षित ने बताया कि सरकार अपने तो पुराना पेंशन ले रही है और हम लोगों को जबरदस्ती नया पेंशन स्कीम थोप रही है, प्रोफेसर पद नाम आश्वासन देकर भी नही दे रही है। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षकों की भांति उच्च शिक्षा में भी स्थानांतरण की प्रक्रिया लागू किया जाए, आमेलन से वंचित मानदेय शिक्षको का आमेलन किया जाया। जिन मानदेय शिक्षको का आमेलन हो चुका है उनको यूजीसी नियमावली के आधार पर कैरियर एडवांसमेंट योजना का लाभ दिया जाय। शिक्षकों के प्रमोशन की विसंगतियों को दूर किया जाय, सेवानिवृत्ति की उम्र केंद्र और अन्य कुछ राज्यो की भांति 65 साल किया जाए। पीएचडी धारी शिक्षको को केंद्रीय विश्वविद्यालय के शिक्षकों की भांति 5 वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाय तथा पुस्तकालयाध्यक्षों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए। इस सम्बन्ध में डॉ दीक्षित ने बताया कि नई शिक्षा नीति को अभी टाला जाए, इन सभी मांगों को लेकर उच्च शिक्षा के सभी शिक्षक 5 अक्टूबर को अपने विश्वविद्यालय पर धरना देंगे और अगर उसके बाद भी सरकार को नही समझ में आता है तो हम सभी शिक्षक अपने प्रदेश संगठन के नेतृत्व में लखनऊ की सड़कों पर उतरेंगे जिसकी जिम्मेदारी खुद सरकार की होगी। पिछले लगभग साढ़े चार साल से शिक्षकों को बेवकूफ बना रही सरकार के अब चुनाव में जाने का समय आ गया है। अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हम भी सरकार को अपनी ताकत का एहसास करा देंगे।