नगर पालिका पडरौना के सीमा विस्तार कराने में कई साथियों का मिला था हमें अहम योगदान – शाहिद लारी
आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
पड़रौना, कुशीनगर : नगर पालिका परिषद पडरौना के सीमा विस्तार के लिए सिविल सोसाइटी के गिरीश चंद्र चतुर्वेदी, पुर्व सभासद प्रमोद श्रीवास्तव, जदयू के जिलाध्यक्ष श्याम बाबू मोदनवाल की भी अहम भूमिका रही है, बसपा के पूर्व मंत्री जावेद इकबाल को नगरपालिका विस्तार का श्रेय लेने से पहले एक बार सोचना चाहिए, यह बातें समाजवादी पार्टी के नेता शाहिद लारी ने अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही। पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए समाजवादी नेता शाहिद लारी ने द्वारा बसपा के नेता और पूर्व राज्य मंत्री जावेद इकबाल के द्वारा शनिवार को पत्रकारों से नगर पालिका परिषद पडरौना का सीमा विस्तार कराने के मामले में अकेले श्रेय लेने के मामले में सपा के वरिष्ठ नेता शाहिद लारी ने कहा कि पडरौना नगरपालिका सीमा विस्तार के लिए वर्ष 2007 से ही लगातार जिलाधिकारी के माध्यम कई बार पत्रावली भेज कर प्रदेश सरकार से सीमा विस्तार की मांग करते रहे। इसके बाद कुशीनगर और हाटा को नगरपालिका का सीमा विस्तार हुआ था, जनपद की सबसे पुरानी पडरौना नगरपालिका सीमा विस्तार के प्रस्ताव को 70 साल से राजनीतिक दलों के बीच फंसी नगर सीमा विस्तार रुका रहा।
इस मामले की पैरवी करने वाले प्रमुख पैरवीकार सपा नेता श्री लारी ने अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को बताया कि सीमा विस्तार के लिए कई बार प्रयास करने के बावजूद जब इन्हें सरकार से न्याय नही मिला तो मजबूर होकर उन्होंने 10 अगस्त 2017 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की थी, उन्होंने बताया कि न्यायालय में लंबी लड़ाई लड़ने के बाद संघर्ष सफल हुआ और नगरपलिका का विस्तार हुआ। उन्होंने आगे कहा कि नगरपालिका परिषद पडरौना सीमा विस्तार के लिए अधिवक्ताओं, मीडिया, व्यापारियों, छात्रों, सामाजिक संगठनों के साथ-साथ राजनीतिक दलों, युवाओं और किसानों के साथ क्षेत्रवासियों के अलावा जदयू के जिलाध्यक्ष श्याम बाबू मोदनवाल समेत सिविल सोसाइटी के गिरीश चंद्र चतुर्वेदी और पूर्व सभासद प्रमोद श्रीवास्तव नगर सीमा विस्तार करने में कदम से कदम मिलाकर चलने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर नगर पालिका परिषद पडरौना का अधिकारियों ने सीमा विस्तार करने का कार्य पूरा किया, ऐसे में बसपा नेता जावेद इकबाल को अकेले श्रेय लेने का बयान देने से पहले एक बार सोचना चाहिए था।