आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
पडरौना/कुशीनगर : जिले के पड़रौना कोतवाली थानान्तर्गत पड़रौना नगर के सुभाष चौक निवासी दो बहनों ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र में देकर न्याय की गुहार लगाई है कि उनके पूर्वजों द्वारा अर्जित भूमि व संपत्ति उनके अपने हीं रिश्तेदार द्वारा धोखे से जमीन हड़पकर भूमाफिया के नाम बैनामा कर दिया गया है और भूमाफिया द्वारा एनकेन प्रकारेण शासन प्रशासन से मिलकर उस जमीन के लिए उक्त महिला को हैरान व परेशान किया जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक पड़रौना नगर के सुभाष चौक निवासिनी रीता अस्थाना निवासी ने मुख्यमंत्री सहित अन्य अधिकारियों को दिए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि उनके पूर्वजों द्वारा अर्जित भूमि व संपत्ति जो तिलक नगर सुभाष चौक जिला कुशीनगर पर है, समस्त जायजात पर उनके मरने के बाद उनके वारिसान काबिज दाखिल हैं और तब से समस्त संपत्ति पर शांतिपूर्वक तरीके से भोग युक्त करते चले आ रहे हैं। प्रार्थीनी ने लिखा है कि उनके हीं रिश्तेदार शिवराम अस्थाना व उनके पुत्रगण ओम प्रकाश, श्रीप्रकाश व पंकज वत्स जो मूल रूप से बिहार प्रदेश के जिला सारण के मौजा मलयान रामगढ़ परगना भिवानी के निवासी हैं जो बहुत ही चालबाज व बदनियत किस्म के भू माफिया हैं, जिनका काम कूटरचित दस्तावेज तैयार कर उनका फर्जी हस्ताक्षर बनाकर तथा उनको बिना जानकारी कराए उक्त फर्जी दस्तावेज के आधार पर एकपक्षीय आदेश चुपके से करा कर व पुलिस को एन केन प्रभाव में लाकर जमीनों पर जबरदस्ती कब्जा कर लेते हैं। इसी क्रम में उपरोक्त जालसाज शिवराम ने प्रार्थिनी के बाबा का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर चुपके से चुपके अपने नाम से बैनामा करा लिया और दबा कर बैठा था। चुपके से 1987 में उसने अपने पक्ष में आदेश करा लिया। जबकि बाबा की जमीन जायजात पर हम प्रार्थीनी व हमारे परिजनों का शांतिपूर्ण कब्जा चला आ रहा है।
मुख्यमंत्री को दिए गए प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने यह आरोप लगाया है कि 1970 में तथाकथित पंजीकृत बैनामा बाबा भूपनारायण से शिवराम ने अपने नाम करा लिया था तो फिर उसी जमीन को प्रार्थिनी के बाबा भूपनारायण के द्वारा 1975 में शिवराम ने क्यों तथाकथित वसीयत आशालता देवी अपनी पत्नी के नाम से कराए तथा उन्होंने यह भी लिखा है कि जब 1985 में शिवराम ने बाबा का नाम खारिज करके अपनी पत्नी का नाम दर्ज करा लिया था तो फिर मेरे बाबा के पूर्ण रूप से बिमार पड़ने के बाद 1987 में रजिस्ट्री के आधार पर अपना नाम क्यों दर्ज कराएं, जबकि 1967 से 2007 तक मामला माननीय न्यायालय में लंबित रहा जिसके दौरान तहसील के दस्तावेज में छेड़छाड़ करके चुपके से शिवराम अस्थाना का नाम किस आधार पर चढ़ा यह समझ से परे है। यह कि उक्त फर्जी दस्तावेज के आधार पर जालसाज शिवराम अस्थाना व उसके जालसाज पुत्रों ओम प्रकाश श्रीप्रकाश व पंकज वत्स ने हम प्रार्थीनी और उसकी बहन किरण आस्थाना जिनके आगे पीछे कोई नहीं है जो बेसहारा है को उनके कीमती जमीन जायजात से उन्हें मरहूम करके उन्हें हर प्रकार से हैरान व परेशान करने के लिए उपरोक्त लोगों ने साहबगंज दुर्गा मंदिर पडरौना के ही नामी गिरामी धूर्त बदनियत भूमाफिया शंकर बगड़िया के पक्ष में ओने पौने दाम पर चुपके चुपके 5 करोड़ की जमीन को मात्र 20 लाख में फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैनामा कर दिया जिसके आधार पर उक्त भूमाफिया ने खारिज दाखिल का दरखास्त तहसील में कर दिया, जिसकी जानकारी होने पर हम प्रार्थी ने आपत्ती मय सबूत दाखिल किया जो नायब तहसीलदार के न्यायालय में पिछले कई वर्षों से विचाराधीन रहा, पीड़िता रीता अस्थाना ने मुख्यमंत्री को दिए गए प्रार्थना पत्र में अपनी तथा अपने बहन की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा है कि उक्त भूमाफिया अपने अटूट धनबल के आधार पर तहसील में एन केन प्रकारेण अपने पक्ष में करके उक्त दावा भी दाखिल जो नायब तहसीलदार के न्यायालय में विचाराधीन रहा उसे तहसीलदार ने अपने पास मंगा कर विपक्षी के पक्ष में फैसला करने को आमादा है, जिसका प्रार्थी का प्रार्थना पत्र समस्त आयुक्त महोदय के यहां विचाराधीन है। रीता ने तहरीर में लिखा है कि फर्जी दस्तावेज बैनामा हासिल करने के बाद उक्त भूमाफिया लगातार मुकामी थाने के सिपाहियों के माध्यम से तथा अपने जान पहचान के तमाम गुंडों वह माफियाओं को साथ लेकर बराबर हम प्रार्थीनी की जमीन से बेदखल करने का प्रयास करता है। इस संबंध में वह तथा उसके बदमाश वह गुंडे भद्दी भद्दी ख्याली गलौज करते हीं हैं परंतु अभद्र व्यवहार भी कर देते हैं, जो बयान करने योग्य नहीं है कई बार तो प्रार्थी के कपड़े भी फाड़ दिए हैं, इतना ही नहीं लेखपाल कानूनगो एवं तहसील के अन्य अधिकारी भी हमें इस प्रकरण में परेशान कर रहे हैं। उक्त सभी की सूचना हमने सैकड़ों बार जिला अधिकारी, उप जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक के अलावा प्रदेश के अन्य उच्चाधिकारियों को बराबर दिया परंतु विपक्षी के दलबल धनबल व राजनीतिक पहचान के कारण हमारे किसी भी प्रार्थना पत्र पर अब तक सुनवाई नहीं हुई। जिसके कारण विपक्षी का मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और इसी के साथ ही उसके तथा उसके तमाम गुंडों व पुलिस द्वारा हम को बराबर प्रताड़ित होना पड़ रहा है। वहीं मुकामी पुलिस को मिलाकर बहुत सारे फर्जी क्रिमिनल रूप से केस रिपोर्ट दर्ज करा कर भी हमें परेशान कर रहा है जिससे हमें प्रताड़ित होना पड़ रहा है। इस वक्त हमारे तथा हमारी बहन के जान माल का खतरा हो गया है और किसी भी समय हमारी व हमारी बहन की हत्या हो सकती है, जिसकी प्रार्थीनी ने मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है।