विमर्श साहित्यिक संस्था पडरौना एवं मधुर साहित्यिक संस्था लक्ष्मीगंज की संयुक्त मासिक काव्य गोष्ठी संपन्न
आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
लक्ष्मीगंज, कुशीनगर : जिले के लक्ष्मीगंज बाजार स्थित श्री राजेन्द्र इसरावती सीनियर सेकेण्डरी स्कूल लक्ष्मीगंज (राजेन्द्र नगर) कुशीनगर में मधुर साहित्यिक काव्य संस्था लक्ष्मीगंज की 93वीं और विमर्श साहित्य संस्था पडरौना की 41वीं कवि गोष्ठी संयुक्त रूप से सम्पन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विनोद पांडेय ने किया व मुख्य अतिथि ओमप्रकाश दूबे ‘ओम’ रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों व कवियों के द्वारा माँ सरस्वती को पुष्पार्चन के बाद जगदीश कुशवाहा की सरस्वती वंदना से हुआ। काव्य पाठ के क्रम में मधुसूदन पांडेय ने ‘तेरी यादें मचलने जब से लगी, लेखनी बरवस तुझपे है उठने लगी।’ अशोक शर्मा ने ‘मत बनाओ पोस्टर मुझपर, कविताओं की न बौछार करो’ सुनाकर बहवाही बिटोरी। आर.के. भट्ट ने ‘सबने भरपेट खाया, आधी पेट खाई माँ’ जैसी हृदयस्पर्शी रचना पढ़ी। ओम प्रकाश द्विवेदी ने पढ़ा जाहि घर मिलत अनादर, ताहि घर मिलत वहीं कलिकाल है’। विनोद पांडेय ने सुनाया ‘वह देख तपस्वी के कुदाल, कंधे पर तप करने जाता’। जयकृष्ण शुक्ल जी ने ‘पूछिये मत मैंने क्या सरकार देखा’ सुनाकर वर्तमान परिदृश्य को इंगित किया। कृष्णकुमार श्रीवास्तव ने पढ़ा ‘नहीं चाहत है मंचों की, नहीं मशहूर होने की’। उग्गम चौधरी ने अपनी रचना ‘ निबिया के पतई, माई के भोजनिया ‘ पढा। सुरेंद्र गोपाल ने पढ़ा ‘मेघ बरसे मन पीर तरसे’ बलराम राय ने ‘गम भुलाया कर यहाँ, धीरे से मुस्कुराया कर’। हरिलाल जायसवाल ने सुनाया ‘भारत माता के ऊपर’ तथा गोमल यादव ने पढ़ा’ कितना दिया जाय,समाज सेवा की सबूतें’। जगदीश कुशवाहा ने सुनाया ‘जान हई बेटी ईमान हई बेटी, घर घर के दियना समान हई बेटी’।
कार्यक्रम का संचालन अशोक शर्मा ने किया व समापन विद्यालय के प्रधानाचार्य बी.डी. यादव के आभार व्यक्त के साथ हुआ। इस अवसर पर पंकज पांडेय, जे.पी यादव, मनोज कुमार राव व मृत्युंजय यादव आदि उपस्थित रहे।