कुशीनगर में अस्पताल का बकाया बिल जमा करवाने हेतु 2 वर्षीय बच्चे की खरीद फरोख्त करने वाले दलाल और अस्पताल संचालक सहित 6 को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
अस्पताल का बिल बकाया होने पर अवैध रूप से संचालित होने वाले खुशी अस्पताल के संचालक द्वारा प्रसूता और नवजात को बंधक बनाने तथा 2 वर्षीय बच्चे की 20 हजार रुपये में खरीद फरोख्त का मामला
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले के बरवापट्टी थानाक्षेत्र में अवैध रूप से संचालित एक प्राइवेट अस्पताल द्वारा प्रसव के बाद मुंहमांगी रकम देने में परिजनों द्वारा असमर्थता जताने पर अस्पताल संचालक द्वारा जच्चा-बच्चा को बन्धक बनाने तथा इसके बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहे पिता द्वारा अस्पताल का बकाया चुका कर अपनी पत्नी और दुधमुंहे बच्चे को अस्पताल के चंगुल से छुड़ाने हेतु अस्पताल संचालक और एक दलाल के माध्यम से बीस हजार रुपये में अपनी औलाद को पडोसी राज्य बिहार के एक व्यक्ति के हाथों बेचने का मामला सामने आया है। इस मामले से सम्बंधित वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वीडियो वायरल होते ही जिले में हड़कम्प मच गया और जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित पूरा जिला महकमा हरकत में आ गया, इस मामले में बरवापट्टी थाने के एक सिपाही की भी संलिप्तता सामने आयी, जिसके बाद एसपी सन्तोष मिश्रा ने सिपाही को लाइन हाजिर करते हुए मामले की जांच सीओ तमकुहीराज को सौंप दी। मामला संज्ञान में आने के बाद एक्शन मोड में आये डीएम और एसपी ने मौके पंहुचकर घटना की पूरी जानकारी ली और मातहतों को कार्यवाही करने का सख्त निर्देश दिया, नतीजतन पुलिस ने बच्चे को बरामद कर अस्पताल संचालक के अलावा दलाल सहित बच्चा खरीदने वाले पांच लोगो को गिरफ्तार कर लिया।
मानवता को शर्मसार करने वाला यह पूरा मामला कुशीनगर जनपद के बरवापट्टी थाना क्षेत्र का है, मिली जानकारी के मुताबिक थानाक्षेत्र के दशहवा भेडिहारी गांव निवासी हरेश पटेल की पत्नी लक्ष्मीना देवी को बुधवार को प्रसव पीड़ा हुई, हरेश उसे लेकर गांव के नजदीक ही स्थित खुशी क्लिनिक पहुंचा जहां लक्ष्मीना देवी का सामान्य प्रसव हुआ, इसके बाद अस्पताल संचालक ने मुंहमांगे रकम की मांग की। पिता द्वारा रुपये देने में असमर्थता जाहिर करने पर खुशी अस्पताल के संचालक ने प्रसूता और नवजात को बंधक बना लिया, इसी दरम्यान आर्थिक तंगी से परेशान होकर इधर उधर घूम रहे हरेश से एक महिला दलाल मिली और बेटे को गोदनामा के नाम पर 20 हजार में बेचने की बात कही। पूरी रात परेशान हरेश को जब कुछ नहीं सूझा तो गुरुवार की सुबह उसने अपने पांचवें नंबर के दो वर्षीय बेटे राजा को बिहार के भोला यादव के हाथों बीस हजार में बेच दिया और अस्पताल में चार हजार रुपये देकर पत्नी को अस्पताल से लेकर घर आया, घर पर जब लक्ष्मीना को अपना सबसे छोटा बेटा दिखाई नहीं दिया तो उसने हरेश से बच्चे के बारे में पूछताछ की, फिर हरेश ने पूरी घटना लक्ष्मीना को बतायी। पूरी घटना सुनने के बाद लक्ष्मीना अपने जिगर के टुकड़े के लिए रोने-बिलखने लगी, जिसके बाद धीरे-धीरे यह बात जंगल में आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गयी और इस मामले से सम्बन्धित वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। हालांकि मामला अधिकारियों के संज्ञान में आने के तुरंत बाद हरकत में आयी पुलिस ने बच्चे को सकुशल बिहार से बरामद करते हुए नवजात व प्रसूता को बंधक बनाने वाले फर्जी अस्पताल संचालक, दलाल सहित 6 लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करते हुए गिरफ्तार कर लिया तथा एसपी सन्तोष मिश्रा ने मामले में जिस सिपाही का नाम आ रहा था उसे तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करते हुए जांच कर कार्यवाही करने का भी निर्देश दिया।
तमकुहीराज तहसील में स्टॉम्प पेपर पर हुई बच्चे की खरीद-फरोख्त
पीड़ित हरेश ने बताया कि बच्चा बेचने का सुझाव देने वाली महिला उसे तमकुहीराज तहसील में लेकर गई थी, जहां बिहार का रहने वाला भोला यादव चार पहिया वाहन से आया और रुपये देकर बच्चे को कार में लेकर चला गया, पीडित ने बताया कि इससे पहले स्टांप पर अंगूठा लगवाया और बोला कि कोई पूछे तो कह देना कि एक रिश्तेदार को बच्चे को अपने रिश्तेदार को गोदनामा दिया है।
बच्चा बेचे जाने के मामले को गम्भीरता से नहीं लेकर सिपाही ने पीड़ित से लिया पैसा
बताया जाता है कि जब बच्चे के बेचे जाने की जानकारी जब गांव वालो को हुई तो गांव वालों ने तत्काल बरवापट्टी थानाध्यक्ष को इसकी सूचना दी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया बल्कि थाने का एक सिपाही पीड़ित के घर बाइक से पहुंचा और कार्यवाही की धौंस देकर उसे थाने लाया और पीड़ित हरेश के मुताबिक उससे पांच हजार रुपये लेकर छोड़ दिया, सिपाही की इस करतूत की चर्चा पूरे गांव वालों में है। हालांकि मामला संज्ञान में आने के बाद जिले के तेज तर्रार एसपी सन्तोष कुमार मिश्रा ने सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया है।
मामले में क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी
मामला सामने आने के बाद कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने बताया की फर्जी गोदनामे के आधार पर बच्चे को एक व्यक्ति को दिया गया था, जिसकी जांच के बाद बच्चे को बरामद कर लिया गया है। पुलिस अधीक्षक संतोष मिश्र ने मामले के सम्बन्ध में बताया कि इस पूरे मामले में सीओ तमकुहीराज को प्रकरण की जांचकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। रुपए के अभाव में प्रसूता को बंधक बनाने वाले अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर लिया गया है इसके अलावा बच्चा खरीदने वाले और बिचौलिए का काम करने वाले 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा मामले में संलिप्तता पाए जाने के बाद थाने के एक सिपाही को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है। एसपी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच करायी जा रही है जो भी इसमें दोषी पाया जायेगा उस पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।