राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री से मिलकर पडरौना विकासखण्ड में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच के लिए सौंपा था पत्र
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : सूबे की सरकार में दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर पडरौना विकास खण्ड में हो रहे भ्रष्टाचार और सरकारी धन के दुरुपयोग के सम्बन्ध में जांच कराने हेतु एक पत्र दिया गया था, राज्यमंत्री द्वारा दिये गए पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी कुशीनगर को जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिलाधिकारी कुशीनगर ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए जांच कर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है लेकिन दो सप्ताह से अधिक का समय बीतने के बावजूद भी अभी तक सीडीओ द्वारा बनाई गई त्रिसदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को नहीं सौंपी है।
बताते चलें कि सरकार में दर्जाप्राप्त राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र सौंपकर यह बताया था कि कुशीनगर जिले के पडरौना विकास खण्ड में तैनात आरईएस के जेई डीके कन्नौजिया खण्ड विकास अधिकारी और ब्लॉक प्रमुख की मिलीभगत से सरकारी धन का बंदरबांट कर सरकार की स्वच्छ छवि को चुना लगाने का काम कर रहे हैं। श्री सिंह ने सीएम को दिए गए पत्र में यह कहा है कि ग्राम प्रधानों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का यह आरोप है कि वर्तमान खण्ड विकास अधिकारी ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों की फाइलों को स्वीकृत करने के नाम पर खुलेआम 6 प्रतिशत की कमीशन लिया जा रहा है और जब भी किसी ग्राम प्रधान द्वारा कमीशन का विरोध किया जाता है तो ब्लॉक प्रमुख की मिलीभगत से खण्ड विकास अधिकारी उस प्रधान के गांव में विकास कार्य को स्वीकृत न करके उल्टे उसका उत्पीड़न किया जाता है। श्री सिंह ने मुख्यमंत्री को दिए गए शिकायती पत्र में यह भी कहा है कि वर्ष 2022-23 में जेई आरईएस डीके कन्नौजिया के द्वारा क्षेत्र पंचायत द्वारा कराए गए विकास कार्यों के मानक के विपरित व गुणवत्ताविहीन होने के बावजूद भी गलत तरीके से फर्जी एमबी तैयार करके सरकारी धन का बंदरबांट किया गया है। राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह द्वारा पडरौना विकास खण्ड में हो रहे भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में दिए गए पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी कुशीनगर को जांच के आदेश दे दिए हैं, जिलाधिकारी कुशीनगर ने मुख्यमंत्री के आदेश के बाद मुख्य विकास अधिकारी गुंजन द्विवेदी को जांच के लिए निर्देशित करते हुए आख्या मांगी है। जिलाधिकारी द्वारा जांच सम्बन्धी दिए गए निर्देश के बाद सीडीओ ने जांच की धारा में कदम बढ़ाते हुए बीते 28 अगस्त को एक त्रिसदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसमें जिला विकास अधिकारी, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, प्रांतीय खण्ड कुशीनगर तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपनी जांच आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश भी दिया लेकिन 2 सप्ताह से अधिक का समय व्यतीत हो जाने के बावजूद भी अभी तक सीडीओ द्वारा बनाई गयी त्रिसदस्यीय कमेटी अभीतक अपनी जांच आख्या मुख्य विकास अधिकारी को प्रेषित नहीं कर पायी।
अब सोचने वाली बात यह है कि आखिर क्या कारण है कि मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भी एक विकास खण्ड में खुलेआम हो रहे भ्रष्टाचार की जांच पूरी नहीं हो पा रही है। सवाल कई हैं, जिनका जवाव सामने आना बाकी है… क्या भ्रष्टाचारी सरकार से भी बड़े हो गए हैं..? आखिर जांच टीम भ्रष्टाचारियों तक पँहुचने में नाकाम क्यों है ?
जब खुलेआम विकास खण्ड में एक जेई द्वारा सरकारी धन का बंदरबांट किया जा रहा है तो फिर जांच टीम उसके विरुद्ध रिपोर्ट क्यों नहीं लगा रही ?