पत्र पर थाने की लगी मुहर, थानाध्यक्ष के हस्ताक्षर फिर भी एसओ बोले संज्ञान में नहीं है कोई भी सरकारी पत्र
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : बीते दिनो पढने वाले छात्रों द्वारा अवैध रूप से संचालित किये जा रहे न्यू फातिमा हास्पिटल को सील करने के बाद सीएचसी अधिक्षक द्वारा पत्र दिए जाने के दस दिन बाद भी अभी तक कसया पुलिस ने अवैध अस्पताल संचालकों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत नहीं किया है। इतना ही नहीं सीएचसी अधीक्षक द्वारा थानाध्यक्ष कसया कल प्रेषित किये गए पत्र में बाकायदा थानाध्यक्ष के हस्ताक्षर और थाने की मुहर लगी हुई है इसके बावजूद भी थानाध्यक्ष कसया का कहना है कि अवैध अस्पताल से सम्बंधित कोई भी पत्र मेरे संज्ञान में नहीं आया है। ऐसे में अब एक गम्भीर सवाल यह उठता है कि अब तक मुकदमा दर्ज न होने के पीछे खेला कौन कर रहा है सीएचसी केन्द्र या फिर कसया पुलिस ?
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कसया के बैरिया चौराहे पर संचालित हो रहे अवैध हॉस्पिटल को सील करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन युवकों पर कार्यवाही हेतु कड़ा रुख अख्तियार किया है, जिसके अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसया के प्रभारी निरीक्षक ने न्यू फातिमा के नाम से अवैध हास्पिटल संचालित कर रहे चार पढ़ने वाले युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कसया थाने को बीते 54 दिसम्बर को ही विभागीय पत्र भेजा था लेकिन बड़े ही अफसोस कि बात यह है कि सीएचसी अधिक्षक द्वारा दस दिन पूर्व भेजे गये विभागीय पत्र का कसया थाने की पुलिस ने कोई भी संज्ञान नहीं लिया है, इतना ही नहीं पत्र पर थानाध्यक्षका हस्ताक्षर और थाने की मुहर लगी होने के बावजूद भी पत्र संज्ञान में नहीं होने की बात एक सीधी लाइन में एसओ कसया द्वारा कही जा रही है तथा कसया पुलिस ने अब तक अवैध हास्पिटल संचालन करने वाले युवको के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नही किया है। अब इस मामले में एक बड़ा सवाल यह है कि यह उठता कि जब सरकारी अफसर के तहरीर पर कसया पुलिस मुकदमा दर्ज करने में इतना हीलाहवाली कर रही है तो आम आदमी के तहरीर को कितना तवज्जो देती होगी ? ऐसे में कसया पुलिस से न्याय की उम्मीद करना तो बेमानी होगी।
ज्ञात हो कि कसया नगर के बैरिया चौराहा (कसाडा चौक) पर बिना प्रशिक्षित डाक्टर, पढ़ने वाले छात्रों द्वारा न्यू फातिमा के नाम से अवैध हॉस्पिटल संचालित किया जा रहा था, इसकी लगातार मिल रही शिकायत को गंभीरता से लेते स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ अवधेश कुशवाहा व सीएचसी अधीक्षक मार्कडेय चतुर्वेदी बीते मंगलवार की शाम टीम के साथ न्यू फातिमा हास्पिटल पँहुचे, जहां पढाई करने वाले छात्र 17 वर्षीय सन्नी पुत्र तूफानी चौधरी, 26 वर्षीय दुर्गेश पुत्र नरेश, 20 वर्षीय इमरान पुत्र मंसूर आलम एंव 26 वर्षीय इरफान पुत्र वादिज अली बिना रजिस्टेशन, बिना किसी प्रशिक्षित चिकित्सक और बिना किसी नियम के अवैध तरीके से न्यू फातिमा हास्पिटल को संचालित कर रहे थे, जांच टीम ने हास्पिटल संचालन से संबंधित कागजात की मांग की तो किसी ने कोई दस्तावेज प्रस्तुत नही किया। जांच के दौरान ऑपरेशन थियेटर पूरी तरह अवैध व मानक के विपरीत पाया गाया। ऑपरेशन थियेटर में एक टेबल, एक बडा आक्सीजन सिलेंडर, चार ड्रम, एक एक्जामिनेशन टेबल, एक ओटी लैंप व ऑपरेशन से संबंधित औजार उपलब्ध था। हास्पिटल के वार्ड मे छह बेड, दो ब्रेंच, एक मेज तथा दो प्लास्टिक की कुर्सियां और एक रैक मे दवा रखी गयी थी। इसके अलावा चेम्बर में मेज, रिवाल्विंग चेयर, एक परीक्षण मेज और दो प्लास्टिक की कुर्सियां पायी गयी। इतना ही नही हास्पिटल के साथ संचालित हो रहे मेडिकल स्टोर का कोई भी वैध कागजात संचालक द्वारा प्रस्तुत नही किया गया। इसके बाद जांच टीम ने अवैध रुप से संचालित न्यू फातिमा हास्पिटल को तत्काल प्रभाव से सील करते हुए मौके पर आठ बिन्दुओंपर जांच आख्या तैयार कर टीम ने रिपोर्ट दर्ज किया कि न्यू फातिमा हास्पिटल का कोई भी रजिस्टेशन नही है।
अवैध अस्पताल संचालकों पर कार्यवाही हेतु कसया थाने को गया है पत्र
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कसया के अधीक्षक डाॅ. मार्कण्डेय चतुर्वेदी
द्वारा थानाध्यक्ष कसया को भेजे गये विभागीय पत्र के पत्राक-अस्पताल/अवैध संचालन / सूचना/2024-25/259 दिनाक-4 दिसम्बर-24 में कहा गया है कि सनी चौधरी, अदेन आलम, दुर्गेश, इरफान द्वारा कसाडा चौक कसया में न्यू फातिमा अस्पताल के नाम से एक अवैध अस्पताल संचालित करता हुआ पाया गया। जिस समय स्वास्थय विभाग की टीम मौके पर पहुंची उस समय अस्पताल में 6 मरीज भर्ती किये गये थे, अस्पताल मे एक अवैध आपरेशन थियेटर भी इनके द्वारा स्थापित किया गया है, जिससे आम जनमानस के स्वास्थय के साथ खिलवा किया गया जा रहा है तथा कोइ भी अप्रिय घटना घट सकती थी। संचालन स्कूल कालेज मे पढने वाले बच्चे कर रहे थे, जिनके पास स्वास्थ्य विभाग की कोई शिक्षण या प्रशिक्षण प्राप्त नही है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त प्रतिष्ठान को सील कर दिया गया है, सीएचसी अधीक्षक ने इन युवको के खिलाफ थानाध्यक्ष से कार्रवाई करने की अपेक्षा जताई है।
कसया थानाध्यक्ष ने कहा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कसया अधीक्षक डाॅ. मार्कण्डेय चतुर्वेदी के पत्र के संबंध में मीडिया ने जब कसया थानाध्यक्ष गिरिजेश उपाध्याय से बात किया तो उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी पत्र की जानकारी उन्हें नही है। अगर कोई सरकारी पत्र आया होता तो बिना उनके संज्ञान के कोई भी वह पत्र नही लेता, जबकि सीएचसी निरीक्षक द्वारा दिनांक 4 दिसम्बर-24 को जारी किये गये विभागीय पत्र, पत्राक-अस्पताल/अवैध संचालन / सूचना/2024-25/259 पर कसया थाना का बकायदे मुहर लगा है और हस्ताक्षर सहित 5 दिसंबर की तारीख भी अंकित है।