द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले में बीती रात हुई साधु की हत्या के मामले में अब सियासत भी तेज हो गई है। मंगलवार की सुबह में साधु फलाहारी बाबा की समाधि दे दी गयी लेकिन अबतक हत्यारोपियों की गिरफ्तारी न होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। पुजारी फलाहारी बाबा की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे, इस दौरान साधु बाबा की अंतिम यात्रा में पहुंचे कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और भाजपा के वर्तमान विधायक डॉ. असीम कुमार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखने को मिला।
अजय लल्लू ने कानून व्यवस्था पर खड़े किए सवाल
तमकुहीराज के पूर्व विधायक व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने पुजारी फलाहारी बाबा की हत्या के मामले में सरकार और पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि 36 घंटे बीत जाने के बाद भी दोषियों की गिरफ्तारी न होना सरकार की विफलता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “जब साधु-संत देशभर में गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, तब यूपी में साधु की हत्या का मामला दिखाता है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।” साथ ही उन्होंने पुलिस पर साक्ष्य मिटाने और बिना सूचना के शव उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पुलिस की संदिग्ध भूमिका को दर्शाता है। इस मामले में उन्होंने प्रशासन को चेतावनी भी दी कि अगर दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी।
प्रशासन का बचाव करते नजर आए विधायक असीम कुमार
तमकुहीराज के वर्तमान विधायक डॉ. असीम कुमार साधु फलाहारी बाबा की अंतिम यात्रा के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पुलिस प्रशासन का खुलकर बचाव करते नजर आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि, “पुलिस अपना काम सही तरीके से कर रही है, लेकिन सपा और कांग्रेस के नेता जानबूझकर पुलिस के काम में बाधा डाल रहे हैं।” साथ ही विधायक असीम कुमार का एक विवादित बयान भी सुनने को मिला, उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि मंदिर में गिरा खून जानवर का है या इंसान का ये कौन जानता है ?
विधायक असीम कुमार ने पुलिस प्रशासन पर ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे खारिज करते हुए भरोसा दिलाया कि अपराधियों को 48 से 72 घंटे में पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार और प्रशासन पूरी मजबूती के साथ काम कर रहे हैं, विपक्ष बेवजह मामले को तूल देकर सियासत कर रहा है।”
36 घण्टे बाद भी खुलासा न होने से जनता में आक्रोश
साधु की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में पहुंचे लोग सरकार और प्रशासन पर भड़क उठे, ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रहा है।
पुलिस पर साक्ष्य मिटाने और अस्पताल में देरी से पहुंचाने के आरोप में सवालों के घेरे में पुलिस
घायल साधु को 15 किलोमीटर अस्पताल ले जाने में पुलिस को लगे लगभग दो घण्टे
जिले के बरवापट्टी थाना क्षेत्र के एक मंदिर में साधु फलहारी बाबा की रहस्यमय हत्या ने इलाके में हलचल मचा दी है, हत्या के बाद स्थानीय पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। घटनास्थल से साक्ष्य मिटाने के आरोप, अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी और कई अन्य पहलुओं ने मामले को और जटिल बना दिया है।
ग्रामीणों का आरोप, पुलिस ने हत्या का साक्ष्य मिटाया
ग्रामीणों के अनुसार जब घटना के दिन सुबह ग्रामीण पूजा के लिए फूल तोड़ने मन्दिर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पुलिस घटनास्थल पर पहले से मौजूद थी। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस ने खून के धब्बों को पानी से धुलवा दिया था। जब स्थानीय लोग यह देखने की कोशिश कर रहे थे कि वहां क्या हुआ, तो पुलिस ने उन्हें मौके से खदेड़ दिया। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की यह हरकत हत्यारे को बचाने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है, इससे पुलिस पर साक्ष्य मिटाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
साधु को अस्पताल पहुंचाने में लगा दो घंटे का समय
पुलिस का दावा है कि रात करीब ढाई बजे गश्त के दौरान फलहारी बाबा घायल अवस्था में मिले, उन्हें तुरंत सीएचसी दुदही अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
लेकिन वहीं दूसरी तरफ सीएचसी के डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस शव को सुबह पांच बजे लेकर पहुंची और उस वक्त तक बाबा की मृत्यु हो चुकी थी। यह बात ग्रामीणों के आरोपों को बल देती है कि पुलिस ने घटना के बाद समय गंवाया, अब महज 15 किमी की दूरी तय करने में दो घंटे का समय लगना पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।
साधु की हत्या में तस्करों या पुलिस-माफिया कनेक्शन की संभावना
घटनास्थल बिहार की सीमा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है, यह इलाका तस्करों के लिए कुख्यात है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तस्करों और पुलिस के बीच किसी मुठभेड़ के दौरान बाबा गलती से पुलिस गाड़ी की चपेट में आ गए हो सकते हैं। ग्रामीणों ने भी इस संभावना को खारिज नहीं किया, उनका कहना है कि पुलिस ने शायद अपनी संलिप्तता छिपाने के लिए घटना को दूसरी दिशा देने की कोशिश की हो।
कहीं मन्दिर की सम्पत्ति तो नहीं हत्या की वजह ?
इलाके में फलहारी बाबा की पहचान एक शांत और मिलनसार व्यक्ति के रूप में थी, ग्रामीणों के अनुसार, बाबा का किसी से कोई विवाद नहीं था। हालांकि, मंदिर के पास रही जमीन की सम्पत्ति को लेकर भी उनके हत्या की आशंका जताई जा रही है।
एसपी कुशीनगर सन्तोष मिश्रा का बयान
एसपी संतोष मिश्रा ने इस सम्बन्ध में कहा कि “हम मामले की गहन जांच कर रहे हैं, सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।”