द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले में तैनात जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र राय को उसके कुकर्मों की सजा आखिर मिल ही गयी, अखबारों में प्रकाशित डीपीओ के कुकर्मों का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने उसे सस्पेंड करते हुए निदेशालय से अटैच कर दिया। डीपीओ शैलेन्द्र राय जोमैटो के एक महिला कर्मचारी के साथ छेडख़ानी व यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी पाये गये थे। शासन ने जिलाधिकारी के रिपोर्ट व लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्रों की खबरो को गंभीरता से लेते हुए शैलेन्द्र कुमार राय को निलंबित कर दिया, निलंबन के दौरान शैलेन्द्र राय निदेशालय से संबद्ध रहेगे।
उत्तर प्रदेश शासन बाल विकास एवं पुष्टाहार अनुभाग संख्या- 1064/58-1-2025-54-2001(003)/3/2022
दिनांक -7अप्रैल,2025 को जारी पत्र मे कहा गया है कि जिलाधिकारी कुशीनगर के पत्र 182/आ०लि०/पत्रा-512/2025 दिनांक 12.03.2025 एवं निदेशक, आईसीडीएस के पत्र संख्या-02/बा०वि०परि०/स्था०-1/2025-26 दिनांक 03.04.2025 द्वारा उपलब्ध करायी गयी आख्या/ संस्तुति के मुताबिक जिला कार्यक्रम अधिकारी कुशीनगर शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर “छेड़खानी व यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिलाधिकारी ने जॉच रिपोर्ट के साथ डीपीओके खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को भेजी संस्तुति तथा डीपीओ मामले ने पकड़ा तूल, शासन को डीएम ने भेजी रिपोर्ट के क्रम में डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय के विरुद्ध लैंगिक शोषण के लिए गठित जाँच समिति की जाँच रिपोर्ट 2अप्रैल-2025 को निदेशालय, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उ०प्र० लखनऊ को प्रेषित की गयी है। प्रकरण में जिलाधिकारी कुशीनगर ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत पीठासीन अधिकारी, आंतरिक समिति, फीडिंग इण्डिया की शिकायत 31 जनवरी-2025 के क्रम में जनपद के स्थानीय समिति गठित किया। समिति द्वारा जिलाधिकारी को प्रस्तुत की गयी जॉच आख्या के जांच निष्कर्ष के अनुसार शैलेन्द्र कुमार राय, जिला कार्यक्रम अधिकारी, कुशीनगर लैंगिक शोषण में दोषी पाये गये हैं।
डीपीओ ने विभागीय छवि को धूमिल किया
शासन का मानना है कि कुशीनगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय द्वारा अपने पदीय दायित्वों का दुरुपयोग कर कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने से विभागीय छवि धूमिल हुयी है, जिसके लिये श्री राय को महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 का उल्लंघन करने एवं उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण (संशोधन) नियमावली दिनांक 17.10.1998 के नियम-3-क “कामकाजी महिलाओं के यौन उत्पीड़न का प्रतिषेध” का घोर उल्लंघन किये जाने के लिये प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। नतीजतन श्री राय का यह कृत्य कामकाजी महिलाओं के अधीन अनैतिक एवं दुराचार की श्रेणी में आता है। इसके दृष्टिगत डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय, को तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। इसके साथ ही श्री राय के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-7 के अन्तर्गत विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित करते हुये आरोपों की जांच के लिए उप निदेशक मोहम्मद जफर खान को जांच अधिकारी नामित किये जाने की राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की हैं।
निदेशालय से अटैच हुए डीपीओ
शासन द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने के बाद निलम्बन अवधि में श्री श्री राय को जीवन निर्वाह भते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी। यह भुगतान तभी देय किया जायेगा, जब श्री राय यह प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वृत्ति एवं व्यवसाय में नहीं जुडे हैं। निलम्बन अवधि में शैलेन्द्र कुमार राय मुख्यालय/निदेशालय, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, उ०प्र० लखनऊ से सम्बद्ध रहेगे।