आयुष्मान योजना से पैसा भंजाने के लिए बुड्ढा हॉस्पिटल ने मरीज की जिंदगी से किया खिलवाड़, बीते वर्ष एक युवक की ऑपरेशन के बाद हुई थी मौत
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले के पडरौना में संचालित एक प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा एक गरीब मरीज की जिंदगी से खिलवाड़ कर आयुष्मान योजना से पैसा भंजाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गॉल ब्लैडर में पथरी का ऑपरेशन करने के नामपर उसका पेट चीरने के बाद बिना पथरी और गॉल ब्लैडर निकाले ही पेट को वापस 20 इंच टांका लगाकर सील देने और आयुष्मान योजना का पैसा भांजा लिया गया है। मामला जिले के पडरौना नगर में छावनी कसया रोड पर संचालित चर्चित अस्पताल बुद्धा हॉस्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर का है। ये इस हॉस्पिटल से सम्बंधित कोई पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी ऐसे कई मामले इस हॉस्पिटल पर हो चुके हैं लेकिन निवर्तमान सीएमओ सुरेश पटारिया के रहमोकरम की बदौलत इस हॉस्पिटल का कोई बाल भी बांका नहीं कर पाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत योजना के साथ कुशीनगर जिले के तमाम हास्पिटलों द्वारा स्वास्थ्य विभाग ई शह पर धड़ल्ले से खिलवाड़ किया जा रहा है। ताजा सनसनीखेज मामला जिले के पडरौना नगर के छावनी में पडरौना – कसया मार्ग पर स्थित बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर का है, जहा पित्त की थैली में पथरी से जूझ रहे एक मजदूर के पेट का ऑपरेशन आयुष्मान योजना के तहत किया गया किन्तु पथरी व पित्त की थैली को बिना निकाले मरीज के जिन्दगी से खिलवाड़ करने व आयुष्मान योजना से धन लूटते हुए बिना पथरी व गॉल ब्लैडर निकाले ही मरीज के पेट को वापस सील दिया गया। मामले में पीडित ने प्रधानमंत्री सहित सूबे के मुखिया को शिकायत पत्र भेजकर हास्पिटल, चिकित्सक व संचालक के खिलाफ कार्यवाही कर न्याय की गुहार लगायी है।
बेशक! प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है लेकिन आयुष्मान भारत योजना, कुशीनगर जिले में प्राइवेट हास्पिटलों के संचालकों की मनमानी के कारण दम तोड़ती नजर आ रही है। इतना ही नही आयुष्मान भारत योजना की आड़ में प्राइवेट हास्पिटलों द्वारा गरीब मरीजों से जमकर लूट खसोट भी किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक पडरौना नगर के छावनी वार्ड पडरौना – कसया मार्ग पर स्थित बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर द्वारा आयुष्मान कार्ड पर दुदही विकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम दुरात निवासी 48 वर्षीय कृष्णा वर्मा पुत्र स्वर्गीय नारायण वर्मा का तकरीबन बीस इंच पेट चीरकर पित्त की थैली के साथ दस एमएम की पथरी निकालने का दावा किया गया। इस दौरान हास्पिटल के स्टाफ ने एक कटोरे में पित्त की थैली व पथरी रखकर मरीज के परिजनों को भी दिखाया। किन्तु चिकित्सक द्वारा पथरी व पित्त की थैली बिना निकाले कृष्णा के पेट पर टांका लगाकर इलाज के नाम पर जहां मरीज के जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया गया वहीं आयुष्मान योजना के तहत धन का लूट खसोट भी कर लिया गया। स्वयं के साथ हुए धोखाधड़ी की जानकारी होने पर पीडित कृष्णा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को शिकायती पत्र देकर बुद्धा हास्पिटल के चिकित्सक और संचालक के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिले के दुदही विकास खण्ड क्षेत्र के जिरात गांव के 48 वर्षीय कृष्णा पुत्र स्व० नारायण वर्मा ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे गये पत्र में कहा है कि वह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है। पेट में दर्द महसूस होने पर वह पडरौना के सरकारी हास्पिटल के चिकित्सक की सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराया तो पित्त की थैली में पथरी की शिकायत मिली, फिर उस सरकारी चिकित्सक के कहने पर ही वह पडरौना नगर के छावनी पडरौना -कसया रोड पर स्थित बुद्धा हॉस्पिटल पर ऑपरेशन करवाया, आपरेशन आयुष्मान भारत योजना के कार्ड से किया गया। ऑपरेशन के दौरान बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के चिकित्सक ने लगभग बीस इंच पेट चीरकर एक कटोरे में पित्त की थैली व पथरी रखकर हमारे परिजनों को भी दिखाया, जिससे हमें व हमारे परिजनों को पूर्ण रूप से विश्वास भी हो गया कि ऑपरेशन सफल हुआ है, इसके बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने कुछ दिनों तक दवा चलाया। कृष्णा ने आगे लिखा है कि जब वह खुद को स्वस्थ महसूस करने लगा तो वह फिर मजदूरी पर काम करना शुरू कर दिया, ताकि परिवार का जीवकोपार्जन हो सके, लेकिन कार्य करते समय फिर उसके पेट मे दर्द होने लगा जो ऑपरेशन के पूर्व हुआ करता था। जिसको सामान्य दर्द जानकर कुछ महीनों तक दवा खाया लेकिन ज्यादा परेशानी होने पर वह काम को छोड़कर वापस घर आ गया और दोबारा सरकारी हास्पिटल के उस डॉक्टर को दिखाकर अल्ट्रासाउंड कराया। पीडित कृष्णा ने कहा है कि दोबारा अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर जब सरकारी डाक्टर के पास गया तो रिपोर्ट में पित्त की थैली और पथरी जस की तस थी यह देख डाक्टर और मेरे पैर तले जमीन खिसक गया। इस दौरान सरकारी हास्पिटल के डाक्टर ने कहा कि बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर ने तुम्हारे जिन्दगी व आयुष्मान भारत योजना के साथ खिलवाड़ किया है। मरीज का कहना है कि उसके परिजन हक्का-बक्का रह गये यह सोचकर कि मेरे पेट पर लगभग बीस इंच का चीरा लगाकर टांका किया गया है। फिर गाल ब्लाडर और पथरी निकाला क्यो नही गया? पीडित ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, के चिकित्सक व संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगायी है।
बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक की फेहरिस्त
बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा की फेहरिस्त काफी लम्बी है, बीते वर्ष मार्ग दुर्घटना में घायल जिला हास्पिटल मे भर्ती पडरौना निवासी प्रेम नामक युवक को दलालों द्वारा अपने बुद्धा हास्पिटल में भर्ती कराकर यही नन्दलाल कुशवाहा अपने हॉस्पिटल में इलाज व आपरेशन किया था, इस के बाद जब प्रेम की हालत बिगड़ने लगी तो हास्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा ने प्रेम को जिला अस्पताल भेजकर वहां से उसको लखनऊ केजीएमयू रेफर कराया था, जहां केजीएमयू के डॉक्टर ने प्रेम की पत्नी रीमा देवी को गलत ऑपरेशन की बात बताई और इलाज शुरू किया लेकिन प्रेम को बचाया नही जा सका। इसके बाद सुलह-समझौते के नाम पर बुद्धा हास्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा ने मृतक प्रेम की पत्नी को 70 हजार रुपये का चेक दिया और दाह संस्कार के बाद प्रेम के इलाज मे खर्च हुए धनराशि को देने का वादा कर मामले को शांत करने का प्रयास किया था। किन्तु दाह संस्कार के बाद मृतक की पत्नी बुद्धा हास्पिटल पहुची तो डाँ नंदलाल ने पीडिता को पैसा देने से इंकार कर दिया, नतीजतन मामला खूब तूल पकडा। सीएमओ ने जांच का आदेश दिया लेकिन डॉ नंदलाल ने अपने रसूख और प्रभाव के दम पर मामले को लीपापोती करा दिया।
जिला अस्पताल के चिकित्सक के नाम से है हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन
सूत्र बताते है कि बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर का रजिस्ट्रेशन जिला हास्पिटल के एमबीबीएस, डीसीएच चिकित्सक कृष्ण मोहन प्रसाद के नाम से है। इस संबध मे डाॅ. कृष्ण मोहन प्रसाद का कहना है कि वर्तमान में बुद्धा हास्पिटल व गोपी चाइल्ड केयर हास्पिटल उनके नाम से रजिस्टर्ड है जहां उनका सर्टिफिकेट लगा है। जानकारों की कहना है कि अगर डाॅ. कृष्ण मोहन प्रसाद के नाम से बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर रजिस्टर्ड है तो वह भी नियम विरुद्ध है क्योंकि सरकारी चिकित्सक के नाम से कोई भी हास्पिटल व डायग्नोस्टिक सेन्टर का रजिस्ट्रेशन नही हो सकता है।
हॉस्पिटल संचालक द्वारा गैर कानूनी तरीके से होता है डायग्नोस्टिक सेंटर का भी संचालन
बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा द्वारा पडरौना नगर के सुभाष चौक पर गैर कानूनी व नियम विरुद्ध तरीके से कुमकुम डायग्नोस्टिक सेंटर भी संचालित किया जाता है। यह वही कुमकुम डायग्नोस्टिक है जहां बीते वर्ष विदेश भेजने वाले एजेंटों से साठगांठ कर नियम विरुद्ध व फर्जी मेडिकल रिपोर्ट जारी कर विदेश जाने वाले बेरोजगार युवको को ठगी का शिकार बनाये जाने का मामला सामने आया था, जिसका खुलासा बीते वर्ष कुशीनगर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने किया था। यहां बताना जरूरी है कि बुद्धा हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर व कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर का संचालन करने वाले डाॅ. नंदलाल कुशवाहा न सिर्फ रसूखदार है बल्कि खुद को तत्कालीन सीएमओ डाॅ सुरेश पटालिया का मित्र बताकर भौकाल टाइट करते है और यह भी दम भरते है कि कोई उनका बाल बांका नही कर सकता है।