बादलों के बीच अद्भुत इंजीनियरिंग का नमूना पेश करता चिनाब रेलवे पुल, यह पुल जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बन रहा है जिसकी उचाई 359 मीटर है।
देश : पहाड़ो पर बादलों को चीरता हुआ दिखाई दे रहे पुल की तस्वीर किसी दूसरे देश की नही बल्कि भारत की है, भारतीय रेलवे हर साल नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। बादलों के बीच अद्भुत इंजीनियरिंग का नमूना पेश करता चिनाब रेल पुल यह पुल जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर बन रहा है जिसकी उचाई 359 मीटर है।
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने हाल ही में ट्वीट कर इस पुल के निर्माण कार्य को लेकर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था- “पूरी तरह से पूरा होने के बाद, पुल नदी के तल से 359 मीटर ऊपर खड़ा होगा, जिससे यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बन जाएगा। यह भारतीय रेलवे का एक और इंजीनियरिंग चमत्कार होगा।”
मौसम का नही पड़ेगा कोई प्रभाव
इस पुल की एक और सबसे महत्वपूर्ण तकनीकी विशेषता यह है कि जिस स्ट्रक्चरल स्टील से पुल बनाया गया है वह -10 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में भी खड़े होने की क्षमता रखता है। यानि कि जम्मू-कश्मीर के मौसम का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और पुल बिना किसी कठिनाई के चालू रहेगा।
इस पुल के निर्माण में 15 साल से अधिक का समय लग चुका है जो 1315 मीटर लंबे पुल के दोनों ओर बक्कल और कौरी क्षेत्रों को जोड़ता है. पुल जोन-5 की उच्च तीव्रता के साथ भूंकप के झटके को सहन कर सकता है. पुल को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि उसकी आयु कम से कम 120 वर्ष हो.
तूफान को भी झेलने में समर्थ होगा.
इस पर पटरियां इस हिसाब से बिछायीं जाएंगी कि गाड़ी अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चल सके. हालांकि गाड़ी 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ही चलेगी. लगभग 28660 टन इस्पात से निर्मित यह पुल 266 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने वाले तूफान को भी झेलने में समर्थ होगा.
चिनाब दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है।
इस पुल की ऊंचाई, चीन में बीपन नदी पर बने ड्यूग पुल की ऊंचाई से भी अधिक है. पुल के उत्तरी छोर पर केबल क्रेन के पाइलन की ऊंचाई 127 मीटर है जो कुतुब मीनार की ऊंचाई से 72 मीटर से भी अधिक है. वहीं फ्रांस की राजधानी पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से भी यह पुल 35 मीटर ऊंचा है.