नैनोस्निफर अनुसंधान, विकास और निर्माण के क्षेत्र में पूर्णतः ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद है : डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक
“शशिकांत मिश्रा” : आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है लगभग सभी देशों ने इसकी भारी कीमत चुकाई है। आतंकवाद से भारत भी बच नही पाया भारत के विभिन्न शहरों में पहले ही आतंकवादी हमले हुए है। और भविष्य में भी होने का खतरा बना हुआ है। जिसको देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है।
भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित की नैनोस्निफ टेक्नोलॉजी
सुरक्षा की दृष्टि से लोगों और उनके सामानों की तेजी से जाँच के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), बॉम्बे की एक स्टार्टअप कंपनी ‘नैनोस्निफ टेक्नोलॉजी’ ने माइक्रो-सेंसर तकनीक पर आधारित एक एक्सप्लोसिव ट्रेस डिटेक्टर ‘नैनोस्निफर’ तकनीकी का अविष्कार किया है। जिससे समय रहते आतंकवादी द्वारा लगाए गए विस्फोटकों का समय रहते पता लगाया जा सके।
IIT दिल्ली व IIT मुंबई मिलकर कर रहे काम
नैनोस्निफर’ के निर्माण के लिए ‘नैनोस्निफ टेक्नोलॉजी’ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली की स्टार्टअप कंपनी ‘वेहांत टेक्नोलॉजी’ के साथ एक संयुक्त साझेदारी की है। आपको बता दे नैनोस्निफर’ 10 सेकंड से भी कम समय में विस्फोटक का पता लगा सकता है। यह आतंकवादियों द्वारा बनाएं गए लगभग सभी प्रकार के विस्फोटकों को बहुत ही कम समय मे आसानी से पता लगा सकता है इसके साथ ही उन्हें उसी अनुरूप में अलग-अलग वर्गीकृत भी कर सकता है। ‘नैनोस्निफर’ इतनी एडवांस लेवल की तकनीकी है जो विस्फोटकों के आवाज और दृश्य दोनों रूप से अलर्ट देता है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), दिल्ली की स्टार्टअप कंपनी वेहांत टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित भौतिक सुरक्षा, निगरानी एवं यातायात निगरानी और जंक्शन एनफोर्समेंट सॉल्यूशन्स में भारत की एक अग्रणी प्रतिष्टित कंपनी है।
डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक ने किया ‘नैनोस्निफर’ का उद्घाटन
नैनोस्निफर’ का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक ने ‘कहा यह अविष्कार अनुसंधान, विकास और निर्माण के क्षेत्र में पूर्णतः ‘मेड इन इंडिया’ उत्पाद है आईआईटी, बॉम्बे और आईआईटी, दिल्ली अपनी स्टार्टअप कंपनियों के साथ मिलकर देश की सुरक्षा के लिए उन्नत और सस्ते स्वदेशी उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं। यह किफायती उपकरण आयातित विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर उपकरणों पर हमारी निर्भरता को कम करेगा अब हमलोग नैनोस्निफर’ की मदद से न केवल पुलिस, सुरक्षा बल और सैन्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि नागरिक उड्डयन को भी एक नया सुरक्षा कवच मिलेगा। इस उत्पाद की मदद से विस्फोटक के छोटे-छोटे अंश का भी पता लगाया जा सकता है। मैं कहना चाहूंगा कि यह शिक्षा और उद्योग के सहयोग का एक बेहतर उदाहरण है, जो भारत में अन्य स्टार्टअप के लिए एक आदर्श बनेगा।
आंतकवादी ले रहे नई तकनीकों का सहारा
अब आतंकवादियों द्वारा हमलों में एडवांस नई तकनीकी का सहारा लिया जा रहा है यही कारण है की विश्व के तमाम देश पहले से और ज्यादा सतर्क व जागरुक होकर इसे रोकने की दिशा में कार्य कर रहे है।
किन जगहों पर आतंकवादी करते है हमला?
आतंकवादी हमलों के लिए हमेसा उस स्थान का चुनाव करते है जहां लोग ज्यादा इकट्ठे होते हो जैसे कोई प्रतिष्ठित स्मारक, सरकारी दफ्तर, बस स्टैंड, प्रतिष्ठित बाजार, मेट्रो, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, खेल स्टेडियम, प्रतिष्ठित मंदिर, मस्जिद,चर्च, गुरुद्वारा आदि इन जगहों पर प्रायः लोगो की भीड़ ज्यादा होती है ऐसी जगह सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादा सवेंदनशील होती है। इसीलिये आतंकवादी हमलों के लिए इन जगहों का चुनाव करते है
नैनोस्निफर’ सभी टेस्ट में हुआ पास
नैनोस्निफर को देश की तमाम प्रतिष्टित प्रयोगशालाओ ने पास किया है जिसमे भारतीय रक्षा अनुसंधान (DRDO) की पुणे स्थित उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMEL) में हुए परीक्षण को सफलतापूर्वक पास किया है इसके साथ ही, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) द्वारा भी इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।