
आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
सोनभद्र : एक तरफ जहां 12 जून को पूरा विश्व बाल श्रम उन्मूलन की बात कर रहा है, वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम विरोध दिवस पर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला में पत्थर के खदानों में बच्चों द्वारा पत्थर तोड़कर आजीविका चलाने की ख़बर मिलने पर बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट कोऑर्डिनेटर सूर्य प्रताप मिश्र ने तुरंत AHTU सोनभद्र को सूचना दी और उन्हें यह अवगत कराया कि किशोर न्याय (बालकों की देख रेख व संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 2 (14) के तहत बाल श्रम में संलिप्त बच्चे देख रेख व संरक्षण की श्रेणी में आते हैं अतः उनको रेस्क्यू कर यात्रा का समय छोड़ कर 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति को प्रस्तुत किया जाना चाहिए। पत्थर की खदानों में बीबीए द्वारा बाल श्रम की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक सोनभद्र के निर्देशन में AHTU सोनभद्र का नेतृत्व करते हुए उपनिरीक्षक सुजीत सेठ ने शीघ्र कार्यवाही करते हुए मौके से चार बच्चों का रेस्क्यू कर उन्हें बाल कल्याण समिति को प्रस्तुत करते हुए एक बार फिर उपनिरीक्षक सुजीत कुमार सेठ ने उत्तर प्रदेश पुलिस को बाल मित्र पुलिस साबित करते हुए खाकी का मान बढ़ाया।
इस सम्बन्ध में कैलाश सत्यार्थी की संस्था बचपन बचाओ आंदोलन उत्तर प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर सूर्य प्रताप मिश्र ने बताया कि राष्ट्रीय बाल नीति 2013 के अनुसार बच्चे राष्ट्र की धरोहर होते हैं, इस दौरान उन्होंने जनता से आग्रह किया कि जिस होटलों, ढाबों, दुकानों और अन्य वस्तुओं का उत्पादन बाल श्रम कराकर किया जाता है कृपया उन वस्तुओं का उपयोग करना बन्द कर दें, जिससे कि बच्चों को बाल श्रम के चंगुल से निकाल कर उन्हें स्कूल में दाखिला दिलाया जाए और सम्मिलित प्रयासों से बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल बनाया जाए।