
आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले की एक नगर पंचायत अध्यक्ष पर जल्द ही फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुकदमा दर्ज होने वाला है, जी हां ! आप सही सुन रहे हैं कुशीनगर जिले में एक ऐसी नगर पंचायत अध्यक्ष है जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़कर नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर बनी हुई है। हम बात कर रहे हैं कुशीनगर जिले के कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता की जिन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और वह चुनाव जीत भी गयीं, लेकिन अब पिछड़ी जाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर आरक्षित पद पर निर्वाचित हुई जनपद के कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। नगर पंचायत में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के धन का बंदरबांट करने वाली कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता का जाति प्रमाण पत्र राज्यस्तरीय कमेटी ने भी गहन जांच के बाद निरस्त कर दिया है। जाति प्रमाण पत्र राज्यस्तरीय कमेटी ने कूट रचना कर गलत जाति प्रमाण पत्र जारी कराने वालों में शामिल लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के भी निर्देश जिला समाज कल्याण अधिकारी को दिए हैं।
बताते चलें कि कप्तानगंज नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता की फर्जी जाति प्रमाणपत्र पाये जाने पर जिलाधिकारी गोरखपुर ने इनकी जाति प्रमाणपत्र को पहले ही निरस्त कर दिया था लेकिन अपनी गलती पर पर्दा डालने व अपने कार्यकाल का समय बिताने के लिए आभा गुप्ता ने मामले को राज्य स्तरीय कमेटी के समक्ष चुनौती देकर बतौर अध्यक्ष सरकारी धन का बंदरबांट करने मे जुटी रहीं।
सूत्रों के अनुसार नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता और उनके पति इस बात का दावा कर रहे थे कि जब तक राज्य स्तरीय कमेटी उनके जाति प्रमाणपत्रों की जांच करेगी तब तक उनका कार्यकाल खत्म हो चुका रहेगा और इसके बाद उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नही हो पाएगी।
ज्ञात हो कि कप्तानगंज की नगर पंचायत अध्यक्ष सीट पिछडी जाति की महिला के लिए आरक्षित थी और पिछड़ी जाति के प्रमाण पत्र पर आभा गुप्ता चुनाव जीतकर अध्यक्ष पद पर काबिज हुईं। चुनाव के दौरान शपथ पत्र में आभा गुप्ता ने खुद को कान्दू जाति का बताया था और इस संबंध में गोरखपुर से जारी प्रमाण पत्र भी जमा किया था जबकि आभा गुप्ता सवर्ण जाति की श्रेणी में आने वाली अग्रहरि बिरादरी से ताल्लुक रखती हैं। इस तरह फर्जी प्रमाण के आधार पर चुनाव जीतने के बाद आभा गुप्ता चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज हो गयी लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी रहे नासिर ने उसी समय तमाम साक्ष्यों के साथ इसकी शिकायत कुशीनगर व गोरखपुर के जिलाधिकारी के साथ-साथ चुनाव आयोग से भी कर दी। नतीजा यह रहा कि जांच में शिकायत सही मिली और जिला स्तरीय जांच कमेटी ने आभा गुप्ता का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया तब अपने खिलाफ हुई जांच से असंतुष्ट चेयरमैन आभा गुप्ता ने मंडलीय स्तर पर अपील की लेकिन वहां चेयरमैन की अपील को खारिज करते हुए मंडलीय कमेटी ने भी जिला स्तरीय कमेटी के निर्णय को सही ठहरा दिया।
दोषी होने के बावजूद जिला व मण्डलीय कमेटी को राज्य स्तर पर दी चुनौती
फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर चेयरमैन बनीं आभा गुप्ता, जिला व मण्डलीय कमेटी के जांच में दोषी सिद्ध होने के बाद खुद का बचाव करने के लिए राज्यस्तरीय कमेटी में अपील की, तब राज्यस्तरीय कमेटी ने आभा के मायके से लेकर ससुराल तक के प्रमाण पत्र जुटाए और गहन जांच के बाद 17 मई को चेयरमैन आभा गुप्ता का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का निर्णय दिया और साथ ही गलत जाति प्रमाण पत्र जारी करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। कमेटी के निर्णय के मुताबिक आभा गुप्ता कान्दू जाति की नहीं, बल्कि अग्रहरी हैं और अग्रहरी सामान्य जाति की श्रेणी में है।

मिली जानकारी के मुताबिक राज्य स्तरीय कमेटी के इस निर्णय के बाद आभा गुप्ता की अध्यक्ष पद की कुर्सी पर तलवार लटकने लगी है हालांकि आभा गुप्ता राज्य स्तरीय कमेटी के इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है वह इस आदेश के खिलाफ कोर्ट जाने की रास्ता तलाश रही है। इस मामले के जानकारों का कहना है कि आभा गुप्ता इस मामले को कोर्ट मे पहुंचाकर किसी तरह से अपना कार्यकाल पूरा करना चाहती हैं लेकिन वह इस अंदेशे में हैं कि मामला कोर्ट मे पंहुचने के बाद उनका कार्यकाल पुरा हो जायेगा तो फिर उनके खिलाफ कोर्ट से निर्णय आने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होगी।
क्या बोले समाज कल्याण अधिकारी
इस मामले में जिला समाज कल्याण अधिकारी विपिन कुमार पांडेय ने कहा कि कप्तानगंज नगर पंचायत में फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर चेयरमैन निर्वाचित हुईं नगर पंचायत अध्यक्ष आभा गुप्ता का जाति प्रमाण पत्र राज्य स्तर से भी निरस्त कर दिया गया है अब इसे जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर दिशानिर्देश लिया जाएगा तथा तत्पश्चात उनके आदेशानुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।