जिले के पडरौना कोतवाली थानाक्षेत्र के जंगल कुरमौल में संचालित होने वाले अवैध हॉस्पिटल के डॉक्टर की लापरवाही से एक गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है, मामले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के प्रति विभिन्न तरीके की हो रही चर्चाओं से बाजार गर्म है।
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जनपद के पडरौना कोतवाली थानाक्षेत्र अंतर्गत जंगल कुरमौल में अवैध रूप से संचालित अभिषेक हॉस्पिटल में ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक की लापरवाही से हुई गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है। महिला की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हॉस्पिटल संचालक और डॉक्टर पर कोई कार्यवाही नहीं किये जाने से क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है। सूत्रों की जानकारी के आधार पर बताएं तो क्षेत्र में यह चर्चा है कि मामले को लाखो रुपये में मैनेज कर अस्पताल व चिकित्सक के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है तथा इस खेल में एमओवाईसी से लगायत स्वास्थ्य विभाग के जिले के मुखिया के भी शामिल होने की बात कही जा रही है। अब सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा।
मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय थानाक्षेत्र के रामधाम विशुनपुरा निवासिनी सवैया खातुन प्रसव पीड़ा से पीड़ित थी, सवैया की हालत देख सोमवार की शाम को परिजन उसे प्रसव कराने के लिए कुरमौल स्थित अभिषेक हास्पिटल लेकर गये, परिजनों और स्थानीय लोगों के मुताबिक नार्मल प्रसव न होने की स्थिति में अस्पताल में कार्यरत फर्जी चिकित्सक द्वारा आपरेशन कर प्रसव करा दिया गया, जिसके बाद अवैध डॉक्टर की लापरवाही के कारण ऑपरेशन के कुछ देर बाद ही प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी। मरीज की हालत बिगड़ती देख अभिषेक हास्पिटल के संचालक ने प्रसूता सवैया खातून को आनन-फानन में मेडिकल कालेज रेफर कर दिया।बताया जाता है कि परिजनो द्वारा पीडिता को मेडिकल कॉलेज ले जाते समय रास्ते में प्रसूता की मृत्यु हो गई। परिजनों के अनुसार प्रसूता का मायका मंसाछापर बाजार में है। नजदीक के वजह से प्रसव के दरम्यान परेशानी होने पर उसे कुरमौल स्थित अभिषेक हास्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन अयोग्य चिकित्सक की लापरवाही ने सवैया को मौत की नींद सुला दिया हालांकि बच्चा जीवित व स्वास्थ्य है।
अवैध अस्पताल संचालक और फर्जी डॉक्टर की लापरवाही ने बच्चों को कर दिया अनाथ
मिली जानकारी के मुताबिक मृतका सवैया की एक 7 वर्ष की लड़की है। परिजनों का कहना है कि सवैया को काफी दिनों बाद बच्चा पैदा होने की स्थिति बनी थी किन्तु अफसोस चिकित्सक की लापरवाही ने प्रसूता को असमय काल के गाल में भेज नवजात शिशु व सात वर्षीय पुत्री को अनाथ बना दिया।
प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने काटा अस्पताल पर हंगामा
प्रसूता की मौत के बाद अभिषेक हास्पिटल पर पँहुचे परिजनों ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान अस्पताल संचालक और परिजनों के बीच तू-तू, मैं-मैं के बाद काफी देर तक बहसबाजी भी हुई लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो मामला बिगड़ता देख अस्पताल संचालक ने परिजनों को मैनेज करना शुरू कर दिया और काफी मान-मनौव्वल के बाद किसी तरह से मामला मैनेज हुआ। प्रत्यक्षदर्शी यह भी बताते है कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पँहुचे कुछ तथाकथित पत्रकार व यूट्यूबरों को भी संचालक ने मैनेज करने का प्रयास किया।
अभिषेक हॉस्पिटल को ऑपरेशन करने का अधिकार नहीं : एमओआईसी
परिजनों द्वारा अस्पताल पर हंगामा करने की जानकारी जब कुबेरस्थान एमओआईसी को हुई तो वह मौके पर पंहुचे, जांच के दौरान एमओआईसी ने पाया कि सेवक छपरा निवासी फुलवंती देवी पत्नी हीरालाल प्रसव ऑपरेशन तथा बड़वा छापर निवासी नाजिदा पुत्री सैफुद्दीन पथरी के आपरेशन के बाद वहां भर्ती थे। एमओआईसी धीरेन्द्र सिंह ने उसे अनुचित बताते हुए कहा कि अभिषेक अस्पताल, कुरमौल को ऑपरेशन करने का अधिकार नहीं है, इसकी सूचना चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है, उनके अग्रिम आदेश के बाद कार्यवाही की जाएगी।
अस्पताल पर अबतक कार्यवाही न होना बना चर्चा का विषय
अभिषेक हॉस्पिटल व फर्जी चिकित्सक पर अब तक कार्यवाही न होने की चर्चा जोरों पर है, क्षेत्र में यह चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से यह मामला लाखो रुपये में मैनेज कर लिया गया है। इस चर्चा में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन आपरेशन के लिए अधिकृत न होने के बावजूद अभिषेक हॉस्पिटल में धड़ल्ले से हो रहे आपरेशन और मरीजों के जिन्दगी से किये जा रहे खिलवाड़ के बाद भी अब तक विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं किया जाना कहीं न कहीं क्षेत्र में चल रही चर्चाओं के पुख्ता होने का सबूत दे रहा है।