रियल स्टेट कम्पनियों के जरिए जमीन के खरीद फरोख्त मे हुई है जाली नोटों की खपत से सम्बन्धी जांच एजेंसियों के हाथ लगा है पुख्ता सबूत
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जिले में बीते कुछ दिनों पूर्व कुशीनगर पुलिस द्वारा दबोचेगये नकली नोट के कारोबारियों के मामले में जिले में जांच करने आयी एनआईए की टीम को ज्यादातर जाली नोट के रियल एस्टेट कारोबार में खपत होने का पुख्ता सबूत हाथ लगा है। टीम के हाथ जो सबूत लगे हैं उससे यह जानकारी मिली है कि ज्यादातर जाली नोट रियल स्टेट कम्पनियों के माध्यम से जमीन की खरीद फरोख्त में प्रयोग हुए हैं। ऐसे में इस बात से बिल्कुल भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि जाली नोटों के कारोबारियों के साथ जिले की उन रियल एस्टेट कम्पनियों से मिलीभगत नहीं होगी। जनपद में जब से इस बात की चर्चा तेज हुई है कि एनआईए का हाथ रियल एस्टेट कम्पनियों से सम्बंधित सबूत लगे हैं, जिले में संचालित रियल एस्टेट कम्पनियों में हड़कम्प मच गया है। रियल एस्टेट कम्पनियों के शक के दायरे में आने के बाद अब पुलिस की रडार पर उन कम्पनियों के मालिक आ गए हैं। इसको लेकर रियल स्टेट कम्पनी के लोगों में हडकंप मचा हुआ है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कानून के लंबे हाथ से देश की अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ करने वाले लोग बचते है या फिर सलाखों के पीछे जाते हैं।
विदित हो कि बीते माह 23 सितंबर को जिले की पुलिस ने तमकुहीराज कस्बे में भारी मात्रा मे जाली नोट, नेपाली करेंसी, नेपाली सिम कार्ड, अवैध हथियार एवं देशी बम के जखीरा के साथ सपा नेता रफी अहमद सहित दस लोगो को गिरफ्तार किया था, इसके बाद इस मामले का कनेक्शन अन्तर्राष्ट्रीय देशों से जुड़ने के बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों पर रहा। जिसका नतीजा यह रहा है कि गृह मंत्रालय ने मामलके का संज्ञान लिया और पहले एटीएस फिर एनआईए की तीन सदस्यीय टीम ने यहां पहुंच कर घटना की बारीकी से जांच पड़ताल की और मामले से जुड़ी साक्ष्य और जानकारी हासिल की। इस दौरान ेेएटीएस तथा एनआईए की टीम ने लगभग डेढ़ दर्जन लोगों से संपर्क कर आरोपियों से संबंधों की जानकारी हासिल करने के बाद उनसे पूछताछ की। इसके अलावा एनआईए टीम पुलिस क्षेत्राधिकारी जितेन्द्र कालरा एवं थानाध्यक्ष अमित शर्मा से घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी और साक्ष्य लेकर वापस चली गई।
मिली जानकारी के मुताबिक यह मामला राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था व सुरक्षा से जुड़े होने के कारण गृह मंत्रालय इस पर पैनी नजर जमाये हुए है। हालांकि स्थानीय पुलिस भी तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक सन्तोष मिश्रा के निर्देशन में नकली नोटों के कारोबारियों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क मे रहने वाले लोगों को चिन्हित कर उनका इतिहास खंगाल रही है।
जांच एजेंसी के हाथ लगी अहम सुराग
नकली नोट प्रकरण की जांच कर रही जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न स्रोतों से जुटाई गयी जानकारी व साक्ष्य से यह बात सामने आ रही है कि सलाखों के पीछे भेजे नकली नोटों के कारोबारियों ने रियल स्टेट कम्पनियों के जरिए जमीन की खरीद फरोख्त में जाली नोटो को खपाया है। सूत्र बताते है जांच एजेंसी को रियल स्टेट में जाली करेंसी की खपत होने की पुख्ता सबूत मिलने के बाद इस कारोबार में शामिल रियल स्टेट से जुड़े लोगो में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसी चर्चा है कि जाली नोटो के कारोबारियों ने जाली करेंसी के कारोबार से रियल स्टेट का एक बड़ा सिंडिकेट तैयार किया है। इस गिरोह से जुड़े अभियुक्तों द्वारा नकली नोटो से होने वाली काली कमाई को जमीन की खरीद फरोख्त में लगाने का साक्ष्य जांच टीमों को लगने के बाद जांच एजेंसी बड़ी कार्रवाई की ओर बढ़ रही है।
रियल स्टेट कम्पनी के मालिक बोले
जनपद में संचालित एक रियल स्टेट कम्पनी के मालिक से इस संबंध मे जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि उनकी कम्पनी की जांच चल रही है, कानून पर पुरा भरोसा है। जाली नोटों के कारोबारियों से कोई लेना-देना नही है और न ही उनसे दूर – दूर तक कोई संपर्क और संबध है।
कम्पनी के सहयोगी ने कहा, खबर छपी तो भेजेंगे नोटिस
जनपद में संचालित जिस रियल स्टेट कम्पनी के मालिक ने मीडिया सेमवार्ता के दौरान खुद को कानून पर भरोसा जताते हुए जाली नोटो के कारोबारियों से दूर-दूर कोई संबंध व संपर्क न होने की बात कही उसी कम्पनी के एक सहयोगी ने मीडिया को धमकाते हुए कहा कि खबर छपी तो हम नोटिस भेजवायेगें। अब सवाल यह उठता कि जब उस रियल स्टेट कम्पनी के खिलाफ पुलिस और जांच एजेंसी जांच कर रही है तो फिर खबर क्यो नही छपे। सवाल यह उठता है कि जब कम्पनी के मालिक को कानून पर भरोसा है और जाली नोटों के कारोबार में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्तता नही है तो फिर उस कम्पनी के अन्य सहयोगी मीडिया को डराने की गरज से यह क्यो कह रहे है कि खबर छपी तो नोटिस भेजवायेगें। कही दाल में कुछ काला तो नही है या फिर पूरी दाल ही काली है यह जांच एजेंसियों के निष्पक्ष जांच के बाद ही स्पष्ट होगा।