प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना में कुशीनगर जिले में एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है, एसओजी और पुलिस टीम ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लेकिन विभाग के मालिक सीएमओ साहब की जुबान का अभीतक इस मामले में न खुलना एक बड़ा सवाल पैदा कर रहा है, कहीं ऐसा तो नहीं कि यह घोटाला उनके ही शह पर हुआ हो अगर ऐसा नहीं है तो अस्पताल संचालक द्वारा दिये गए शिकायती पत्र पर सीएमओ ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की..??
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : प्रधानमंत्री मोदी की भारत के प्रत्येक गरीब परिवार को निःशुल्क व गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने सम्बन्धी योजना आयुष्मान भारत योजना में कुशीनगर में बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है, इस घोटाले में एसओजी और पुलिस की टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है लेकिन विभाग के जिले के आलाकमान की चुप्पी उनको भी संदेह के घेरे में खड़ा कर रही है, ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं विभाग में हुए इतने बड़े खेल के जिम्मेदार सीएमओ और नोडल अधिकारी भी हैं लेकिन इन दोनों अधिकारियों पर अभीतक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई या इनका नाम अभीतक खुलकर सामने क्यों नहीं आया ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है। पीएम मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजनाओं मे शुमार आयुष्मान भारत योजना के संचालन में लगे जिम्मेदार अपनी तिजोरी भरने की गरज से योजना को वर्षों से पलीता लगा रहे थे। जनपद की पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर छोटी मछलियों को दबोचकर सलाखों के पीछे भेज दिया है लेकिन इस घोटाले में शामिल बड़ी मछलियां अभी भी पुलिस की कार्यवाही से दूर है। विभाग से चार लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद सीएमओ कुशीनगर की चुप्पी को देखकर यह सवाल उठना लाजमी है कि प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना की मानिटरिंग करने वाले स्वास्थ्य महकमा के विभाग-ए-शहंशाह की इसमें क्या भूमिका थी, क्या वह इस बड़े खेल के हिस्सेदार नही हैं ? लेकिन जानकारों का दावा है कि इस खेल मे सीएमओ और नोडल अधिकारी की सहमति और मिलीभगत तथा उनके शह के बिना संविदाकर्मी सुनियोजित तरीके से इतने बड़े खेल को अंजाम दे ही नही सकते हैं, अभी इस घोटाले में पुलिस की जांच चल रही है और उम्मीद है कि जांच पूरी होने तक इस घोटाले में और भी कई बडे चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
विदित हो कि आम लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 23 सितम्बर – 2018 को आयुष्मान भारत योजना पूरे देश में लागू किया था, लेकिन यह जनकल्याणकारी योजना भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार व इस योजना से जुडे कर्मचारियों के स्वार्थपूर्ण रवैये के कारण जिले में घोटाले के दलदल में फंस गयी है, कुशीनगर में इस योजना में बहुत बड़ा घोटाला सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक बीते बुधवार को कुशीनगर जिले की पडरौना कोतवाली पुलिस ने भारत सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना में वर्षों से चल रहे घोटाले के खेल से पर्दा उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग के संविदाकर्मी व आयुष्मान योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) और जिला संपरीक्षक (डिस्ट्रिक्ट ऑडिटर) सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने इनके काले-कारनामे का खुलासा किया था, इनके पास से पुलिस ने दो लाख 10 हजार रुपये नकद, प्रयोग में लाए जाने वाले तीन लैपटॉप सहित करीब 13 लाख रुपये की सामग्री भी बरामद की थी। पुलिस की जांच में यह सामने आया कि पकडे गये अभियुक्त आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पताल संचालकों से अवैध वसूली के लिए उनको ब्लैकमेल करते थे तथा उनकी बातें न मानने पर यह घोटालेबाज आयुष्मान भारत योजना के पोर्टल पर छेड़छाड़ कर अस्पताल की प्रोफाइल पर अश्लील फोटो और वीडियो अपलोड कर उस अस्पताल के आयुष्मान योजना लाइसेंस को निरस्त करा देते थे। पुलिस ने घोटाले से पर्दा उठाते हुए चारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सलाखों के पीछे भेजे गये संविदाकर्मी व आयुष्मान योजना जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डाॅ. दीपक कुशवाहा को पुलिस इस खेल का मास्टर माइंड बता रही है लेकिन विभागीय सूत्रों का दावा है कि पुलिस बिना किसी दबाव मे निष्पक्ष जांच करती है तो पर्दे के पीछे से इस खेल को अंजाम दे रहे विभाग के जिम्मेदार सहित कई अन्य बडे चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं।
सीएमओ अगर घोटाले में नहीं हैं शामिल तो क्यों नहीं की शिकायती पत्र पर कोई कार्यवाही
बड़ा सवाल यह है कि अगर इस घोटाले में सीएमओ कुशीनगर शामिल नहीं हैं तो निजी अस्पताल के संचालकों ने जब स्वास्थ्य महकमा के विभाग-ए-शहंशाह डा. सुरेश पटारिया और स्थानीय पुलिस प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर अस्पताल के आयुष्मान योजना पोर्टल से छेड़छाड़ होने की शिकायत दर्ज करायी तो पुलिस प्रशासन ने तो मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी और आयुष्मान भारत योजना को बट्टा लगा रहे कइयों की कलई खोलकर रख दिया, लेकिन सीएमओ द्वारा अस्पताल संचालकों के शिकायत पत्र पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गयी और कोई कार्यवाही हुई भी तो वो क्या हुई किसी को कुछ नहीं मालूम है। ऐसे मे सवाल उठना जायज है कि सीएमओ ने अस्पताल संचालकों के शिकायत पर कार्यवाही क्यों नहीं की ? कही ऐसा तो नही कि स्वयं का गिरेबान बचाने के चक्कर में सीएमओ इस मामले को अपने स्तर से निपटाने में जुटे थे।
बड़े मामले पचाने में माहिर हैं सीएमओ कुशीनगर डॉ सुरेश पटारिया
आयुष्मान योजना में अपने स्तर से कार्यवाही न करने की वजह चाहे जो भी हो लेकिन सीएमओ कुशीनगर डॉ सुरेश पटारिया बड़े मामलों को पचाने में माहिर खिलाड़ी हैं, उनके द्वारा बड़े मामलों में कोई कार्यवाही न करना आम बात है। इसका एक बड़ा उदाहरण विदेश भेजने वाले कबुतरबाजों से मिलकर नियम विरुद्ध व अवैध तरीके से मेडिकल रिपोर्ट जारी करने वाले कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर व सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर है, जिनके खिलाफ आज तक स्वास्थ्य महकमे द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
बताते चलें कि पडरौना नगर के सुभाष चौक स्थित कुमकुम डायग्नोस्टिक सेन्टर व साहु सिनेमा परिसर मे संचालित सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर सहित रामकोला रोड स्थित एक डायग्नोस्टिक सेन्टर द्वारा कबुतरबाजो के साथ मिलकर विदेश जाने वाले बेरोजगारों का अवैध तरीके से मेडिकल रिपोर्ट जारी किया गया था जिसका खुलासा ठगी गिरोह का पर्दाफाश के दौरान बीते दिनों पुलिस कप्तान धवल जायसवाल ने किया था। यहां हम आपको बता दें कि जनपद में कोई भी डायग्नोस्टिक सेन्टर विदेश जाने वालों का मेडिकल करने के लिए अधिकृत नहीं है, ऐसा स्वास्थ्य महकमे का दावा है। इसके बावजूद कुमकुम और सेवा डायग्नोस्टिक सेन्टर द्वारा नियम विरुद्ध व फर्जी तरीके से विदेश जाने वाले युवाओं का मेडिकल रिपोर्ट जारी किया गया था लेकिन इतने बड़े खुलासे के बावजूद भी इन सभी डायग्नोस्टिक सेंटरों पर सीएमओ डॉ सुरेश पटारिया द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।
क्या है सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना
आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों और उनके आश्रितों को पांच लाख रुपये तक सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान किए जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में कोरोना, कैंसर, गुर्दा रोग, हृदय रोग, डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया डायलिसिस, घुटना व कूल्हा प्रत्यारोपण, नि:संतानता, मोतियाबिंद और अन्य चिह्नित गंभीर बीमारियों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है। इस योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख तक के नि:शुल्क उपचार का लाभ, योजना से संबद्ध देशभर के किसी भी चिह्नित सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त ईलाज की सुविधा, भर्ती होने से 7 दिन पहले तक की जांच, भर्ती के दौरान उपचार व भोजन और डिस्चार्ज होने के 10 दिन बाद तक का चेकअप व दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराने का प्राविधान है।
आयुष्मान भारत योजना में जिले में चयनित हैं 78 हास्पिटल
आयुष्मान भारत योजना के तहत कुशीनगर जनपद में 14 लाख से अधिक लाभार्थी हैं। मौजूदा समय में जिले में कुल 78 अस्पताल इस योजना के क्रियान्वयन के लिए चयनित किये हैं, इनमें 46 सरकारी और 32 निजी अस्पताल हैं। जिले में इन अस्पतालों में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से आंख का ऑपरेशन, हाइड्रोसील, हार्निया सहित विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन और बीमारियों का इलाज होता है।