आदित्य कुमार दीक्षित
द चेतक न्यूज
कुशीनगर : जनपद के रामकोला थानांतर्गत कुसम्ही गांव की 11 वर्षीय बच्ची बीते 30 जुलाई को घर से अचानक गायब हो गई थी परिजनों द्वारा खोजबीन करने तथा थाने में तहरीर देने के बाद बच्ची सेमरा गांव के पास स्थित मजार से बरामद हुई, वहां से पुलिस उसे लेकर थाने आयी और पूछताछ और कार्यवाही के नाम पर उसे 1 सप्ताह तक अपने माँ बाप से दूर थाने में रखा गया। इसकी जानकारी जिले में बच्चों पर कार्य करने वाली संस्था वर्ल्ड यूथ सोशल ऑर्गनाइजेशन (WYSO) को हुई तो संस्था ने इस मामले में सीडब्ल्यूसी के साथ मिलकर सोमवार को बच्ची को 1 सप्ताह बाद उसके परिजनों को सुपुर्द करवा दिया।
हालांकि बच्ची वहां कैसे पँहुची..? कौन उसे लेकर वहां गया…? और वहां ले जाने का कारण क्या था..? यह सवाल अभी तक अंधेरे में है।
मिली जानकारी के मुताबिक बीते 30 जुलाई को रामकोला थानाक्षेत्र के कुसम्ही गांव निवासी 1एक ग्यारह वर्ष की मासूम अपने घर के पास से अचानक उस वक्त गायब हो गयी झह उसके माँ बाप घर से बाहर गए हुए थे, घर आने पर उन्हें उस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने बच्ची को आसपास खोजने के बाद किसी अनहोनी से डरकर उसी दिन थाने में तहरीर सौंपकर बच्ची को खोजने की गुजारिश की। थाने में तहरीर मिलने के बाद परिजनों के साथ ही पुलिस ने भी मासूम की खोजबीन शुरू कर दी, इसी दौरान बीते 3 अगस्त को बच्ची के सेमरा मजार पर होने की सूचना मिली, सूचना मिलते ही पुलिस परिजनों को लेकर सेमरा मजार पँहुची और बच्ची को लेकर थाने चली आयी।
इस दौरान परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर यह आरोप लगाया कि जब बच्ची को थाने लाया गया तब से उनको बच्ची से मिलने नहीं दिया गया और न ही उससे बात करने दिया गया।
इस मामले की जानकारी जब बाल अधिकारों पर काम करने वाली सामाजिक संस्था वर्ल्ड यूथ सोशल आर्गेनाईजेशन (WYSO) को हुई तो संस्था द्वारा इसे गम्भीरतापूर्वक लेते हुए बच्ची के परिजनों से संपर्क कर उन्हें हर प्रकार से कानूनी मदद में सहयोग का भरोसा दिया तथा संस्था द्वारा बाल कल्याण समिति कुशीनगर (CWC) को इस मामले में तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप करने व बच्ची को CWC के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए रामकोला पुलिस को निर्देश देने का निवेदन किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार सीडब्ल्यूसी को मामले की जानकारी होने के बाद सीडब्ल्यूसी ने रामकोला पुलिस को तत्काल प्रभाव से सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, तब सोमवार को रामकोला पुलिस द्वारा बच्ची के बरामद होने के 6 दिन बाद CWC के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से CWC कुशीनगर ने बच्ची के हितों तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 और आदर्श नियम 2016 को ध्यान में रखते हुए बच्ची को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
इस मामले के संदर्भ में मासूम तथा उसके परिवार की मदद करने वाली संस्था WYSO के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष शशिकांत मिश्रा ने बताया कि हमें तो यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर बरामदगी के इतने दिनों के बाद भी पुलिस बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत क्यों नहीं कर रही थी तथा इतने दिनों तक आखिर बच्ची को उसके परिजनों से क्यो नहीं मिलने दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले में रामकोला पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम 2015 तथा आदर्श नियम 2016 का उल्लंघन किया है, जिसमें यह साफ-साफ लिखा है कि किसी भी बच्चे की बरामदगी के बाद 24 घण्टे के अंदर (यात्रा का समय छोड़कर) CWC या किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है तथा ऐसा नहीं करने पर पुलिस के खिलाफ विधिक कार्यवाही भी हो सकती है क्योंकि यह बाल अधिकारों के हनन में आता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के मामले में सबको पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है, यह सबकी कानूनी व नैतिक जिम्मेदारी भी है, इस सम्बन्ध में जमीनी स्तर पर व्यापक जागरूकता के साथ ही जवाबदेही की भी आवश्यकता है।
श्री मिश्रा ने बताया कि इस मामले में हम एक हफ्ते तक कानूनी लड़ाई लड़े और आखिरकार बच्ची को उनके परिजनों से मिला दिया। अब बच्ची अपने गांव से इतनी दूर उस मजार तक कैसे पँहुची यह अभी स्पष्ट नही हो पाया है, इसकी गहनता से जांच आवश्यक है, संस्था की तरफ से हम अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं तथा इस मामले में रामकोला पुलिस को हम विवेचना में हर प्रकार से मदद भी करेंगे। बच्ची कुछ दिन तक मजार पर रही वहां पर अंधविश्वास को देखकर उसके मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है जिसकी कॉउंसलिंग की जा रही है।
उन्होंने कहा कि हम सबको यह सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों को किसी भी ऐसी अंधविश्वास व धार्मिक गतिविधियों में शामिल न करें जिससे उनके मानसिक स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े।