द चेतक न्यूज
कुशीनगर : कहते हैं कि संस्कार किसी किताबों में नहीं पढ़ाया जाता, वह माँ-बाप से ही बच्चों को मिलता है, यह लाइन खाकी पहने इस युवक पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं, हम बात कर रहे हैं पडरौना कोतवाली थानाक्षेत्र के मिश्रौली चौकी इंचार्ज विवेक पाण्डेय की जो कि आज सुबह स्वयं ही हाथ में कुदाल लेकर छठ घाट जाने वाले रास्ते की सफाई करते नजर आये। एडीएम कुशीनगर के निर्देश के बावजूद जब बीडीओ विशुनपुरा ने छठ घाट पर सफाई के नामपर सिर्फ कोरमपूर्ती की तो चौकी इंचार्ज विवेक पांडेय स्वयं ही कुदाल उठाकर छठ घाट पर जाने वाले रास्ते की सफाई में जुट गए।
विदित हो कि मंगलवार को नहाये-खाये केे साथ सूर्योपासना का महापर्व सूर्य षष्ठी (छठ) शुरू हो गया है, सदर एसडीएम व्यास नारायण उमराव मंगलवार को विशुनपुरा विकास क्षेत्र के ग्रामसभा मिश्रौली गांव के छठ घाट पर पहुचे जहा साफ-सफाई की कमी और व्रती माताओं के आने – जाने वाले मार्ग मे झाडी-झंखाड देख नाराजगी जताते हुए विशुनपुरा बीडीओ को तत्काल साफ-सफाई और रास्ते झाडी-झंखाड को तत्काल साफ कराने निर्देश दिया, इस दौरान सीओ सदर और मिश्रौली चौकी प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उप जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद बीडीओ विशुनपुरा ने अपने जिम्मेदारियों का कोरमपूर्ति करते हुए घाट की साफ-सफाई व रास्ते से झाडियो को हटाने के लिए बुधवार को दो सफाईकर्मियों को भेज अपने दायित्वों का इति श्री कर लिया। बताया जाता है कि सफाईकर्मी अपने कार्यो मे जुटे रहे, तभी मौके पर चौकी प्रभारी विवेक पाण्डेय छठ घाट का निरीक्षण करने पंहुच गये जहां साफ-सफाई से जुझ रहे सफाईकर्मियों को देख चौकी प्रभारी विवेक पाण्डेय ने खुद हाथ में कुदाल उठाकर व्रती माताओं को घाट तक सरल व सुलभ तरीके से पंहुचने के लिए रास्ते में बेतरतीब हिसाब से उगे झाडी-झंखाड साफ करने लगे। मजे कि बात यह है कि चौकी प्रभारी तकरीबन पन्द्रह मिनट तक कुदाल चलाते रहे लेकिन इस दरम्यान कोई भी गांव वाला उनका हाथ बटाने नही पहुंचा। चौकी प्रभारी के अपने जिम्मेदारी के प्रति यह निष्ठा देख विशुनपुरा बीडीओ सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारी व पुलिस अधिकारियों के लिए यह कहना मुनासिब होगा ” अरे नामवरों यह नजीर है नजारा नही।”
गौरतलब है कि कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी अर्थात मंगलवार को ‘नहाये-खाये के साथ सूर्योपासना का महापर्व सूर्य षष्ठी व्रत (छठ) प्रारंभ हो गया, बुधवार को खरना, गुरुवार को सूर्यदेव को सायंकालीन अर्घ्य तथा शुक्रवार को प्रात:कालीन अर्घ्य देने के साथ ही व्रत-पर्व संपन्न होगा। लोक आस्था व भगवान सूर्य की आराधना का महापर्व छठ विधि-विधान पूर्वक पूजा- अर्चना के बाद 8 नवम्बर को व्रती माताओं द्वारा उगते हुए भगवान भास्कर को अध्य देने के बाद पूर्णाहुति की जायेगी।